Lok Sabha Election 2019: पाकिस्तान पर हुई एयर स्ट्राइक का श्रेय किसी को नहीं लेना चाहिए: नितिन गडकरी

संक्षेप:

  • बालाकोट में आतंकियों के खिलाफ भारतीय वायुसेना की कार्रवाई को आम चुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए- गडकरी
  • न ही किसी को इसका इसका राजनीतिक लाभ या श्रेय लेना चाहिए- गडकरी
  • गडकरी ने दोहराया- मैं नहीं हूं पीएम के रेस में

नई दिल्ली: अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) का कहना है कि पाकिस्तान के बालाकोट(Balakot Air Strike) में आतंकियों के खिलाफ भारतीय वायुसेना(Indian Air Force) की कार्रवाई को आम चुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए और न ही किसी को इसका इसका राजनीतिक लाभ या श्रेय लेना चाहिए. साक्षात्कार में सड़क परिवहन व राजमार्ग, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री ने कहा कि वे न तो किसी पद के दावेदार हैं और न ही प्रधानमंत्री पद की दौड़ में शामिल हैं.

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)कहा कि नरेंद्र मोदी की भारी जनादेश के साथ प्रधानमंत्री के रूप में वापसी होगी और इस बार उन्हें 2014 लोकसभा चुनाव के मुकाबले विशाल जनादेश मिलेगा. गडकरी ने कहा, "पाकिस्तान के खिलाफ हवाई कार्रवाई को चुनाव से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए और न ही किसी को इसका श्रेय लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर विपक्षी दलों को इस पर कोई संदेह है तो ये उनकी दिक्कत है. मंत्री ने कहा, "लेकिन मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि उन्हें इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

पहले भी गडकरी के बयानों के कई मायने निकाले जाते रहे हैं. जैसे वो कह चुके हैं कि वो केवल सपने दिखाने वाले नहीं बल्कि उन्‍हें पूरा करने वाले नेता हैं. उनके कुछ बयानों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोधी अपने लिए फायदेमंद मानते रहे हैं. यह पूछने पर कि क्यों प्रचार अभियान में सत्तारूढ़ दल इस मुद्दे को उठा रहा है, जिस पर उन्होंने कहा, "सुरक्षा हमारे लिए सर्वोपरि है. इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. भारत में अगर किसी को भी हमारे जवानों की शहादत पर संदेह है, अगर कोई पाकिस्तान की भाषा में बोलता है तो ये सभी देश के हितों के खिलाफ जाता है. ये राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे हैं और सभी को एक सुर में बोलना चाहिए. इस तरह के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.

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ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि चुनाव के बाद सरकार बनाने के लिए अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन की जरूरत पड़ने पर उन्हें अगले प्रधानमंत्री के रूप में पेश किया जा सकता है. इस पर उन्होंने कहा कि वह खंडित जनादेश मिलने पर भी प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं." उन्होंने कहा, "न तो मेरी ऐसी कोई मंशा है और न ही आरएसएस की ऐसी कोई योजना है. ऐसा कुछ भी नहीं है. मेरे बयान को मीडिया द्वारा तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. आप यू-ट्यूब पर जा सकते हैं और मेरा बयान सुन सकते हैं. मैंने ऐसा कभी नहीं कहा." मंत्री ने कहा, "न तो मैं किसी पद का दावेदार हूं और न ही मैं किसी दौड़ में शामिल हूं. गौर करने वाली बात ये है कि मैं आश्वस्त हूं कि हमें 2014 के मुकाबले विशाल जनादेश मिलेगा और मोदी जी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे."

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