आंदोलन के आगे झुकी सरकार, अब नहीं बनेगा नोएडा सेक्टर 123 में डंपिंग ग्राउंड

संक्षेप:

  • लंबे समय से आंदोलन करने वालों की आखिर जीत हुई
  • सेक्टर 123 में बनने वाला डंपिंग ग्राउंड अब यहां नहीं बनेगा
  • महिलाओं ने किन्नरों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया

पिछले एक महीने से या यूं कहें उससे ज्यादा समय से ही नोएडा सेक्टर 123 में डंपिंग ग्राउंड को लेकर नोएडावासियों में खासी नाराजगी दिखी। लोगों ने जमकर इसका विरोध किया फिर चाहे वो रात में शांतिपूर्वक तरीके से हो या फिर दोपहर में अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन करना हो। लेकिन अब नोएडा सेक्टर 123 में बनने वाले डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ लंबे समय से आंदोलन करने वालों की आखिर जीत हुई और सरकार को इसके आगे झुकना पड़ा।

आपको बताते चलें की शुक्रवार को सरकार ने यह फैसला लिया है कि सेक्टर 123 में बनने वाला डंपिंग ग्राउंड अब यहां नहीं बनेगा। इसे यहां से शिफ्ट कर दिया जाएगा। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं है कि अब यह कहां बनेगा। दरअसल योग दिवस के मौके पर कचरे के ढेर पर योग कर लोग बोले की पीएम मोदी  यहां योग करके दिखाएं तो मानें। इतना ही नहीं नोएडा सेक्टर-123 में डंपिंग ग्राउंड का विरोध गुरुवार को भी जारी रहा। महिलाओं ने किन्नरों के साथ मिलकर प्रदर्शन किया। इसके बाद भारी संख्या में भीड़ डंपिंग ग्राउंड के सर्विस रोड पर पहुंची। वहां पर योग करके मोदी को फिटनेस चैलेंज दिया।

स्वच्छता व स्वस्थ रहने का मूलमंत्र देने वाले योग के जरिये सैकड़ों लोगों ने सेक्टर-123 में बन रहे कचरे घर का विरोध किया। सैकड़ों की संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, किसान व किन्नरों ने मुंह पर मास्क लगाकर पंचायत स्थल पर योग किया। इस दौरान लोगों ने अपने चेहरों को प्रधानमंत्री मोदी के मास्क से ढक रखा था। वहीं, कुछ बच्चों ने ऑक्सीजन सिलेंडर और मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर विरोध जताया।

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योग क्लास पूरी होने के बाद महिलाओं व लोगों ने पर्थला चौक पर उग्र प्रदर्शन किया। वह सड़कों पर लेट गए। उन्होंने चक्का जाम कर दिया। वाहनों की आवाजाही को रोक दी गई। काफी समझाने के बाद भी वह सड़कों से नहीं हटे। ऐसे में गाजियाबाद, ग्रेटर-नोएडा वेस्ट व नोएडा की ओर लंबा जाम लग गया। लोगों को घंटों तक जाम का सामना करना पड़ा। पुलिस प्रशासन द्वारा काफी मशक्कत के बाद प्रदर्शनकारियों को वहां से हटाया गया। जिसके बाद यातायात सामान्य हो सका।

दरअसल, कूड़े पर शहर में काफी दिन से बवाल चल रहा है। पहले सेक्टर-137 में कूड़ा डाला जा रहा था। वहां एनजीटी की ओर से रोक लगाने के बाद सेक्टर-54 में कूड़ा डंप किया जाने लगा। बीच में यहां लगी रोकथाम के बाद सेक्टर-68 में कूड़ा डाला गया, लेकिन वहां केवल 10 दिन के लिए कूड़ा डाला गया। 

इसके बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सेक्टर-54 में एक बार फिर प्राधिकरण ने कूड़ा डालना शुरू कर दिया है। इसी बीच कुछ लोग एनजीटी चले गए और वहां से सेक्टर-54 में कूड़ा नहीं डालने का आदेश ले आए।

इसके बाद प्राधिकरण के पास अब फिलहाल कोई विकल्प नहीं बचा है। अधिकारियों का कहना है कि सेक्टर-123 में प्राधिकरण की अपनी जमीन है, जहां लैंडफिल साइट बननी है। साथ ही वेस्ट टू एनर्जी प्लांट भी बनाया जाना है, लेकिन अब कूड़े को कहीं न कहीं तो डालना ही होगा। लिहाजा सेक्टर-123 के अलावा कोई और स्थान नहीं दिख रहा है।

 

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