नोएडा: 70 सालों से निभा रहें हैं परंपरा, रोजाना यज्ञ कर खुशहाली की दुआ मांगते हैं

संक्षेप:

  • 70 साल से रोजाना यज्ञ करते हैं
  • रोज़ाना खुशहाली की दुआ मांगता है यह परिवार
  • 2007 में हुई थी पिता श्याम चरण महाशय की मृत्यु

नोएडा । आपने गरों में यज्ञ होते तो देख होगा लेकिन क्या रोज़ाना यज्ञ होते देखा है. हम बताते हैं आपको ऐसे परिवार की कहानी जहां 70 सालों से रोज़ाना गर में यज्ञ होता है. बंबावड़ गांव का एक परिवार ऐसा है, जो पिता द्वारा चलाई गई परंपरा को पिछले 70 वर्षों से निभा रहा है। हर रोज सुबह और शाम को परिवार के साथ हवन करते हैं। ताकि, लोग सुख-शांति से रह सकें। हवन के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है। 

बंबावड़ गांव निवासी प्रदीप वैध ने बताया कि उनके पिता श्याम चरण महाशय निम्न परिवार में जन्में थे। काशी विद्यापीठ में पढ़ने के लिए चले गए। इसके बाद हरिद्वार गुरुकुल से आयुर्वेदाचार्य की विद्या सीखकर 35 साल की उम्र में गांव वापस लौट आए। शादी के बाद गांव में जड़ी-बूटियां तैयार कर लोगों को दवाई देने लगे। श्याम चरण सुबह और शाम को रोजाना हवन करते थे।

2007 में हुई थी पिता की मौत

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2007 में पिता की मृत्यु के बाद अशोक, वीरेंद्र, महेंद्र सिंह और प्रदीप ने पिताजी के कार्य को संभाल लिया। अब इन लोगों के पास उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड से लोग पैरालिसिस की दवाइयां लेने आते हैं।

हवन के लिए बनाया मंदिर

प्रदीप ने बताया कि हवन के लिए अब मंदिर स्थापित किया गया है। हवन में प्रयोग होने वाली सामग्री खुद तैयार करते हैं। सुबह और शाम को रोजाना परिवार के सभी लोग हवन करते हैं। इसका सालाना खर्च करीब बारह लाख रुपये आता है, जिसको सभी भाई मिलकर पूरा करते हैं।

प्रदीप का कहना है कि हवन से वायुमंडल शुद्ध होता है। हवन की खुशबू से सभी प्राणी स्वस्थ और मन अच्छा रहता है। इसी दुआ के साथ हवन यज्ञ सत्तर सालों से चल रहा है।

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