महबूबा मुफ्ती-उमर अब्दुल्ला ने ठुकराया हिरासत खत्म करने का केंद्र सरकार का सशर्त ऑफर

संक्षेप:

  • उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कथित तौर पर उनकी नजरबंदी खत्म करने के प्रशासन के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
  • मालूम हो कि दोनों नेता 5 अगस्त से हिरासत में हैं.
  • सत्यपाल मलिक ने दोनों नेताओं से कहा कि उन्हें केवल तभी रिहा किया जाएगा, जब वे घाटी में अपने समर्थकों को आर्टिकल 370 को हटाने और राज्य के विभाजन के खिलाफ नहीं जुटाएंगे.

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने कथित तौर पर उनकी नजरबंदी खत्म करने के प्रशासन के एक प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. मालूम हो कि दोनों नेता 5 अगस्त से हिरासत में हैं, जब केंद्र ने संविधान की धारा 370 के तहत जम्मू और कश्मीर की विशेष दर्जे को रद्द कर दिया था. सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को उनके आवासों में ट्रांसफर करने की संभावना के बारे में बताया था. हालांकि सत्यपाल मलिक ने दोनों नेताओं से कहा कि उन्हें केवल तभी रिहा किया जाएगा, जब वे घाटी में अपने समर्थकों को आर्टिकल 370 को हटाने और राज्य के विभाजन के खिलाफ नहीं जुटाएंगे.

उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने स्पष्ट रूप से उस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया जिसके बाद श्रीनगर में राजभवन के पास सरकारी गेस्ट हाउस में उनकी नजरबंदी को बढ़ा दिया गया था. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने राज्यसभा में आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के बाद दोनों नेताओं को 5 अगस्त को हिरासत में लिया था. उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को पहले तो श्रीनगर के हरि निवास पैलेस में एक साथ रखा गया था. बाद में उन्हें दो अलग-अलग गेस्ट हाउसों में नजरबंदी के तहत रखा गया.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उमर अब्दुल्ला नियमित रूप से पुलिस कर्मियों से घाटी में मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी ले रहे हैं. सभी उपलब्ध समाचार चैनलों के साथ एक सैटेलाइट टीवी भी जम्मू कश्मीर के इन दो नेताओं को उनके डिटेंशन सेंटर्स पर दी गई है.

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