INX Media केस: चिदंबरम नहीं भेजे जाएंगे तिहाड़ जेल, SC ने 5 सितंबर तक बढ़ाई हिरासत

संक्षेप:

  • कांग्रेस नेता पी चिदंबरम की पुलिस हिरासत 5 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी गई है.
  • हालांकि उन्हें तिहार जेल नहीं भेजा जाएगा.
  • सुप्रीम कोर्ट ने पी. चिदंबरम को अंतरिम संरक्षण के लिए संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा.

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P Chidambaram)की पुलिस हिरासत गुरुवार तक के लिए बढ़ा दी गई है. हालांकि उन्हें जेल नहीं भेजा जाएगा. सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पी. चिदंबरम को अंतरिम संरक्षण के लिए संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए कहा. साथ ही आदेश दिया कि उन्हें तिहाड़ जेल नहीं भेजा जाए और अगर ट्रायल कोर्ट उसकी जमानत याचिका खारिज करता है, तो उनकी सीबीआई हिरासत गुरुवार तक बढ़ाई जाएगी.

अदालत में चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि वह 74 साल के व्यक्ति हैं, उन्हें घर में नजरबंद कर दिया, किसी को कोई क्षति नहीं होगी. पी चिदंबरम आज सीबीआई (CBI) मामले में निचली अदालत में जमानत याचिका दाखिल करेंगे. अगर निचली अदालत से चिदम्बरम को जमानत नहीं मिलती है, तो निचली अदालत पी चिदंबरम को सीबीआई रिमांड की रिमांड में भेजा जाएगा. मामले की अगली सुनवाई 5 सितम्बर को होगी. गुरुवार को कोर्ट मामले की सुनवाई करेगा. उसी दिन चिदम्बरम की रिमांड खत्म होगी.

15 दिन तक ही हो सकती है हिरासत

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कानून के अनुसार, जिस मामले में चिदंबरम आरोपी हैं उसमें पुलिस हिरासत की अधिकतम अवधि 15 दिन है. चिदंबरम ने पहले अदालत को बताया कि जांच एजेंसी ने पैसे से संबंधित कोई दस्तावेज पेश नहीं किया. चिदंबरम ने शुक्रवार को विशेष सीबीआई जज अजय कुमार कुहर को बताया, `वे लगातार मुझे तीन फाइलें दिखा रहे हैं. आज भी वही फाइलें मुझे लगातार 2.5 घंटे से ज्यादा दिखाई गईं.`

क्या है मामला

15 मार्च 2007 को INX मीडिया ने एफआईपीबी की स्वीकृति के लिए वित्त मंत्रालय के सामने आवेदन किया, जिसमें एफआईपीबी ने 18 मई 2017 को इसके लिए सिफारिश की. लेकिन बोर्ड ने INX मीडिया द्वारा INX न्यूज़ में अप्रत्यक्ष रूप से निवेश की अनुमति नहीं दी. यहां तक कि INX मीडिया के लिए भी एफआईपीबी ने सिर्फ 4.62 करोड़ रुपये से ज्यादा के FDI निवेश की अनुमति नहीं दी. सीबीआई के अनुसार INX मीडिया ने नियमों को नजरअंदाज किया और जानबूझकर INX न्यूज़ में 26 प्रतिशत के लगभग निवेश किया. यही नहीं उन्होंने 800 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से अपने शेयर को जारी करके INX मीडिया के लिए 305 करोड़ की एफडीआई जुटाई जबकि उन्हें सिर्फ 4.62 करोड़ रुपये एफडीआई की ही अनुमति थी.

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