कांग्रेस में इस्तीफे पर संकट गहराया, राहुल को मनाने पहुंचे प्रियंका-गहलोत-सचिन पायलट
- लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं.
- खुद प्रियंका गांधी वाड्रा भाई को मनाने पहुंची हैं.
- इस समय उनके आवास पर प्रियंका के अलावा रणदीप सुरजेवाला, अहमद पटेल, सचिन पायलट और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद हैं.
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं. मंगलवार को दिल्ली में उनके आवास पर हलचल तेज है. सुबह से ही बड़े नेताओं के वहां आने-जाने का सिलसिला जारी है. राहुल गांधी को इस्तीफा न देने के लिए मनाने की कोशिशें हो रही हैं. खुद प्रियंका गांधी वाड्रा भाई को मनाने पहुंची हैं. इस समय उनके आवास पर प्रियंका के अलावा रणदीप सुरजेवाला, अहमद पटेल, सचिन पायलट और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद हैं.
Priyanka, Sachin Pilot meet Rahul Gandhi at his residence
— ANI Digital (@ani_digital) May 28, 2019
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मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राहुल गांधी कुछ शर्तों के साथ इस्तीफा वापस लेने पर राजी हो सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने आज शाम अपने घर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई है. सोमवार को राहुल से कुछ नेताओं ने मिलने की कोशिश की थी. राहुल ने किसी भी नेता से मिलने से इनकार कर दिया. सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के इस्तीफे को लेकर भ्रम की स्थिति को साफ करने के लिए सीडब्ल्यूसी या पार्टी के सीनियर नेताओं की मीटिंग इस हफ्ते हो सकती है.
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इस बीच दिल्ली पहुंचे कर्नाटक के मंत्री डी. के. शिवकुमार ने कहा, `मैंने कभी कांग्रेस पार्टी को इतने बड़े नुकसान की उम्मीद नहीं की थी. इस मामले में सभी को साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए. मैं अभी पहुंचा हूं और मुझे पार्टी के नेताओं को कमिटी से मिलना है. कांग्रेस इस तरह से साफ नहीं हो सकती है. गांधी परिवार ने पार्टी को हर बड़े संकट में बचाया है. वहीं खबर है कि राहुल गांधी अगले दो दिन के लिए वायनाड के दौरे पर जा सकते हैं. अमेठी में राहुल गांधी की हार के बाद उनके वायनाड दौरे को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि सीडब्ल्यूसी ने राहुल गांधी के इस्तीफे को अस्वीकार करते हुए उन्हें पार्टी में पर्याप्त बदलाव करने की छूट दी है. सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में पार्टी के संविधान में भी पर्याप्त परिवर्तन किए जा सकते हैं.
सीडब्ल्यूसी मीटिंग में किसी एक व्यक्ति पर आरोप नहीं
इसके अलावा राज्य ईकाई की तरफ से भी दबाव बनाया जा रहा है कि राहुल गांधी अपना इस्तीफा न दें. इसी कारण राज्य ईकाइयों के प्रमुख पार्टी के सामने अपने इस्तीफे की पेशकश कर रहे हैं. अबतक पार्टी के कई प्रदेश अध्यक्ष और अन्य महत्वपूर्ण पद संभाल रहे नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को दे दिया है. इस्तीफा देनेवालों में झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार, पंजाब से सुनील जाखड़, यूपी प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित शामिल हैं.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार को दिल्ली में थे, लेकिन एआईसीसी संगठन के प्रमुख केसी वेणुगोपाल से चर्चा के बाद राहुल गांधी से मिले बिना ही वापस लौट गए थे. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी राजस्थान के नेताओं से बिल्कुल खुश नहीं हैं. हालांकि, मंगलवार को गहलोत के साथ-साथ सचिन पायलट की भी राहुल से मुलाकात हुई. खबरें हैं कि सीडब्ल्यूसी की मीटिंग में राहुल गांधी ने पार्टी के सीनियर नेता अशोक गहलोत, कमलनाथ और पी चिदंबरम पर अपने बेटों को आगे बढ़ाने की बात कहकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने सीनियर नेताओं पर चुनाव अभियान को अक्रामक ढंग से लागू न करने को लेकर भी नाराजगी जाहिर की.
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