विजयादशमी पर मोहन भागवत बोले- मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से संघ का कोई लेना-देना नहीं

संक्षेप:

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयदशमी (Vijaya Dashmi) के मौके पर मंगलवार को अपना स्थापना दिवस मनाया.
  • आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजा की.
  • भागवत ने कहा कि लिंचिंग जैसी घटनाओं से संघ का कोई लेना-देना नहीं है.

नागपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने विजयदशमी (Vijaya Dashmi) के मौके पर मंगलवार को अपना स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में शस्त्र पूजा की. फिर स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया. स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या) की घटनाओं का जिक्र किया. भागवत ने कहा कि लिंचिंग जैसी घटनाओं से संघ का कोई लेना-देना नहीं है. मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर मोहन भागवत ने कहा, `भीड़ हत्या (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.` भागवत ने कहा, `ऐसी घटनाओं को रोकना हर किसी की जिम्मेदारी है. कानून व्यवस्था की सीमा का उल्लंघन कर हिंसा की प्रवृत्ति समाज में परस्पर संबंधों को नष्ट कर अपना प्रताप दिखाती है. यह प्रवृत्ति हमारे देश की परंपरा नहीं है, न ही हमारे संविधान में यह है. कितना भी मतभेद हो, कानून और संविधान की मर्यादा में रहें. न्याय व्यवस्था में चलना पड़ेगा.`

देश में अब अच्छा हो रहा है?

कार्यक्रम में भागवत ने मोदी सरकार (Modi Government) की तारीफ करते हुए कहा कि बहुत दिनों बाद देश में कुछ अच्छा हो रहा है. देश की सुरक्षा पहले से ज्यादा बढ़ी है. वहीं, जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए आरएसएस प्रमुख ने कहा, `जम्मू-कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाकर मोदी सरकार ने साबित किया कि वो इस तरह के कठोर फैसले लेने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि हमारा देश पहले से ज्यादा सुरक्षित है. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाना बड़ा कदम है. चंद्रयान-2 ने विश्व में भारत का मान बढ़ाया है. इस दौरान संघ प्रमुख ने अन्य राजनीतिक दलों पर निशाना भी साधा. उन्होंने कहा कि देश में बहुत कुछ अच्छा हो रहा है. लेकिन, अफसोस कि कुछ लोगों को ये बदलाव पसंद नहीं आ रहा.

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5% जीडीपी रेट से चिंता की जरूरत नहीं

मोहन भागवत ने इस बीच देश की मौजूदा आर्थिक हालत पर भी बात की. उन्होंने बताया, `मेरे एक मित्र अर्थशास्त्र के जानकार हैं. उन्होंने कहा कि मंदी का दौर उसे कहते हैं, जब आपकी विकास दर जीरो हो जाए. लेकिन, हमारी जीडीपी दर तो 5 फीसदी है. हमें अभी क्या फिक्र है. हमें जीडीपी पर चर्चा तो करनी चाहिए, मगर चिंता नहीं. सरकार इस दौर से उबरने के लिए कई कोशिशें कर रही हैं.

1925 में हुई थी आरएसएस की स्थापना

बता दें कि 27 सितंबर 1925 को दशहरे के दिन मुंबई के मोहिते के बाड़े नाम की जगह पर डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नींव रखी थी. आरएसएस की ये पहली शाखा थी. इसमें सिर्फ 5 स्वयंसेवक थे. स्थापना दिवस पर संघ अपना इंटरनेट आधारित रेडियो चैनल भी लेकर आया है, जिसपर कार्यक्रम में भागवत के संबोधन का प्रसारण किया जाएगा. इस वार्षिक समारोह में एचसीएल के संस्थापक शिव नादर मुख्य अतिथि हैं. वहीं, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इस सामारोह में मौजूद रहे.

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