जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर मचा बवाल, प्रशासन केवल वीआईपी लोगों के लिए कर रहा काम 

संक्षेप:

  • मामा की बिगड़ती तबीयत पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई संज्ञान नहीं।
  • अब्दुल्ला को मामा की मदद के लिए ट्वीट करना पड़ा।
  • 25 मिनट में टीम ग्रेनो वेस्ट स्थित मामा के घर पर पहुंची।
  • इस मदद पर मचा बवाल।

ग्रेटर नोएडा। प्रदेश में कोरोना की हालत बद-से-बत्तर होती जा रही है। संक्रमित मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला के मामा की अचानक बिगड़ती तबीयत पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई संज्ञान नहीं लिया गया था। जब इतने वीआईपी लोगों के लिए इलाज समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा तो आप इस बात से अंदाजा लगा ही सकते हैं कि प्रदेश में बाकी लोगों की हालत कैसी होगी। यहां तक की जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला को मामा की मदद के लिए ट्वीट करना पड़ा। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने संज्ञान लिया और 25 मिनट में टीम ग्रेनो वेस्ट स्थित मामा के घर पर पहुंची। उनके इस ट्वीट से लोगो में स्वास्थ्य विभाग के प्रति गुस्सा चरम पर है।

हुआ यूं कि अब्दुल्ला के मामा गौड़ सिटी वन में रहते हैं। होम आइसोलेशन में तबीयत बिगड़ने पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनको मदद नहीं मिली। इस पर रविवार सुबह 10:09 बजे अब्दुल्ला ने ट्वीट कर मदद मांगी। इसके बाद जिला प्रशासन ने सुबह 10:34 बजे जवाब दिया और बताया कि सीएमओ ने टीम भेज दी है। रास्ते में है, ध्यान रखें। 25 मिनट बाद टीम मौके पर पहुंची और मरीज की मदद की। इसके बाद अब्दुल्ला ने सुबह 10:40 बजे फिर से ट्वीट कर कहा कि मदद मिल गई है और धन्यवाद दिया।

मदद पर मचा बवाल: प्रशासन केवल वीआईपी लोगों के लिए काम कर रहा है

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सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ग्रेटर नोएडा, ग्रेनो वेस्ट और नोएडा के लोगों ने स्वास्थ्य विभाग पर जमकर भड़ास निकाली। ट्विटर पर मनीष कुमार ने स्वास्थ्य विभाग से पूछा कि टीम कहां से भेजी गई है। टीम के जाने से कितने लोगों का इलाज प्रभावित हुआ है। कोरोना टेस्ट के लिए टीम नहीं है, फिर यह टीम कहां से आ गई। रोजाना सैकड़ों ट्वीट पर मदद मांगी जाती है, लेकिन विभाग की तरफ से मदद तो दूर जवाब भी नहीं दिया जाता है। प्रशासन केवल वीआईपी लोगों के लिए काम कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोगों ने कहा कि सीएमओ साहब का ट्विटर आत्मनिर्भर है, अपने स्वाद अनुसार चलता है। किसी ने कहा कि बहुत दुखद है कि आम नागरिक की कोई वैल्यू नहीं है।  

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