कल लगेगा साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण, रात 8 बजे से ही लगेगा सूतक, जानिए क्या होगा प्रभाव

संक्षेप:

  • भारत समेत दुनिया के पूर्वी यूरोप, उत्तरी-पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में यह सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है.
  • बताया जा रहा है कि आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा.
  • 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा.

नई दिल्ली: किसी भी ग्रहण का चाहे वह सूर्य हो या चंद्र ग्रहण वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही दृष्टि से इसका खास महत्व है। यह ग्रहण विशेष खगोलीय घटना होगी क्योंकि इस दिन सूर्य `रिंग ऑफ फायर` की तरह दिखेगा। यह नजारा बेहद खूबसूरत होगा, लेकिन नासा ने इसके लिए चेतावनी जारी की है। नासा ने कहा है कि यह सूर्य ग्रहण जितना सुंदर होगा, उतना ही खतरनाक भी होगा, इसलिए सूर्य ग्रहण के दौरान नंगी आंखों से सूर्य ग्रहण की तरफ न देखें। यही नहीं इसको देखने के समय विशेष सावधानी बरतें।

खासकर सूर्य ग्रहण के दौरान आपके पास चश्मा होना चाहिए। इसके अलावा अगर आप फोटोग्राफ लेना चाहते हैं तो आपके पास सोलर फिल्टर्स होने चाहिए। दरअसल कहा जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान इससे खास तरह की किरमें निकलती हैं जो हमारी आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। सूर्य ग्रहण को देखने के लिए कोई भी गॉगल नहीं बल्कि विशेष प्रकार का गॉगल लगाना चाहिए। इसके अलावा सोलर फिल्टर और सोलर व्यूअर का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण

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भारत समेत दुनिया के पूर्वी यूरोप, उत्तरी-पश्चिम ऑस्ट्रेलिया और पूर्वी अफ्रीका में यह सूर्य ग्रहण देखा जा सकता है। बताया जा रहा है कि आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.04 मिनट से शुरू होगा। सूर्य ग्रहण सुबह 9.24 से चंद्रमा सूर्य के किनारे को ढकना शुरू कर देगा। इसके बाद सुबह 9.26 तक पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। 11.05 तक यह सूर्य ग्रहण समाप्त हो जाएगा। कुल मिलाकर 3.12 मिनट का यह सूर्य ग्रहण होगा।

Solar eclipse 2019: वर्ष 2019 का अंतिम ग्रहण गुरुवार को पौष कृष्ण अमावस्या के अवसर पर सूर्यग्रहण के रुप में लगेगा। यह खंडग्रास सूर्यग्रहण भारत, पाकिस्तान, चीन व खाड़ी देशों सहित दुनिया के अन्य भागों में देखा जा सकेगा। भारत में ग्रहण के दिखाई देने के कारण सूतक माना जाएगा। शास्त्रीय विधान के अनुसार सूर्यग्रहण के स्पर्श के 12 घंटे पहले सूतक लग जाएगा। पंचांगों के अनुसार भारतीय समयानुसार गुरुवार को ग्रहण का स्पर्श प्रात: 8.17 बजे होगा। इस ग्रहण की कुल अवधि दो घंटा चालीस मिनट है। इस लिहाज से ग्रहण का मोक्ष पूर्वाह्न 10.57 बजे होगा।

ग्रहण के स्पर्श के मुताबिक सूतक बुधवार की रात सवा आठ बजे से लगेगा। इसके चलते शयन आरती के बाद मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे और फिर दोपहर बाद दूसरी पाली में ही खुलेंगे। ज्योतिष विशेषज्ञ अरुण सिंहल बताते हैं कि बुधवार को ही मंगल का राशि परिवर्तन होगा। वह तुला से वृश्चिक में प्रवेश करेंगे। वहीं गुरुवार को ग्रहण के साथ ही धनु राशि में केतु के साथ छह ग्रहों की युति हो रही है। इसके कारण सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक व सामरिक हर दृष्टि से अशुभ संकेत मिल रहे हैं।

राजनीतिक उथल-पुथल, सत्ता परिवर्तन, प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, अत्यधिक बर्फबारी से सर्दी का सितम रहेगा। आर्थिक मंदी, स्वर्ण की मांग में कमी व पेट्रोलियम पदार्थों के कीमतों में वृद्धि के भी संकेत हैं। धनु राशि का ग्रहण प्रधान पुरुषों, मंत्रियों व उद्योगपतियों के लिए भी कष्टप्रद होगा।
अयोध्या धाम ज्योतिष संस्थान के संस्थापक आचार्य राकेश तिवारी के अनुसार प्राय: ग्रहण का प्रभाव सभी के अशुभकारी ही होता है। फिर भी यह सूर्यग्रहण धनु, कन्या एवं वृष राशि के लिए विशेष अशुभकारी रहेगा। इस राशि के जातकों को अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की जरुरत है अन्यथा संकट का सामना करना पड़ेगा। इन सभी जातकों के लिए अपने-अपने ईष्ट की आराधना राहत देने वाली होगी। इस ग्रहण का न्यूनतम प्रभाव कर्क, तुला और कुंभ राशि पर पड़ेगा। इस राशि के जातकों को भयभीत होने की जरुरत नहीं है। फिर भी अपने-अपने ईष्ट की आराधना से शुभ लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

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