राज्यसभा में अटक सकता है तीन तलाक बिल, JDU भी करेगी विरोध, ये है नंबर गेम

संक्षेप:

  • मोदी सरकार की ओर से लाए जा रहे तीन तलाक बिल पर विपक्ष ही नहीं सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड(जदयू) को भी आपत्ति है.
  • ऐसे में लोकसभा में भले ही सरकार आसानी से इस बिल को पारित करा ले जाए.
  • मगर राज्यसभा में मामला फंस सकता है.

नई दिल्ली: मोदी सरकार की ओर से लाए जा रहे तीन तलाक बिल पर विपक्ष ही नहीं सहयोगी दल जनता दल यूनाइटेड(जदयू) को भी आपत्ति है. ऐसे में लोकसभा में भले ही सरकार आसानी से इस बिल को पारित करा ले जाए, मगर राज्यसभा में मामला फंस सकता है. लोकसभा में आज( गुरुवार) तीन तलाक बिल पर चर्चा होगी. यूं तो मोदी सरकार ने इस बिल को पिछले कार्यकाल में पास कराने की पूरी कोशिश की थी, मगर राज्यसभा में बिल अटक गया था. लोकसभा भंग होने के बाद फिर से इस बार बिल को पेश करना पड़ा.

राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा है 123

मोदी सरकार के इस कार्यकाल में आरटीआई बिल के मसले पर पहले से ही 14 राजनीतिक दल एकजुट हैं. तीन तलाक पर भी इन दलों का रुख एक जैसा है. इन दलों के राज्यसभा सदस्यों की संख्या 111 है. ऐसे में जदयू के छह राज्यसभा सांसद भी अगर बिल के खिलाफ हुए तो आंकड़ा 118 पहुंच जाएगा. जबकि राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 123 है. चूंकि अभी राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत के आंकड़े से आधे दर्जन सदस्य कम हैं. ऐसे में अगर विपक्ष ने कुछ और सांसदों को अपने पाले में किया तो फिर आरटीआई बिल पास कराने के दौरान पक्ष-विपक्ष में कांटे की लड़ाई हो सकती है.

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जदयू की आपत्ति

जनता दल यूनाइटेड(जदयू) का मानना है कि मोदी सरकार की ओर से इस बिल को पेश करने से पहले किसी तरह की चर्चा नहीं की गई है. वहीं यह भी आपत्ति है कि तीन तलाक का अपराधीकरण होने से पीड़ित महिलाओं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. जदयू का कहना है कि बिल पर आम लोगों की राय न ली गई और न ही सियासी दलों से जरूरी चर्चा की गई. सूत्रों के मुताबिक जनता दल (यू) बिल को स्टैंडिंग कमेटी में भेजने की मांग कर सकती है. विपक्षी दलों का भी कहना है कि तीन तलाक बिल के कई प्रावधान खामियों से भरे हैं.

राज्यसभा में विपक्ष का संख्या बल

टीडीपी और इनेलो के कुल पांच राज्यसभा सांसदों को अपने पाले में कर लेने के बाद बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का राज्यसभा में संख्या बल 117 का हो चुका है. 245 सदस्यीय राज्यसभा में बहुमत का आंकड़ा 123 है. ऐसे में अगर तीन तलाक के मसले पर जदयू ने एनडीए का साथ छोड़ा तो फिर संख्या बल 111 का रह जाएगा. जिससे बिल पास कराने में सरकार को मुश्किल होगी. राज्यसभा में आरटीआई बिल के मसले पर पहले से ही टीएमसी के नोटिस पर 14 राजनीतिक दलों के राज्यसभा सांसदों ने हस्ताक्षर कर रखे हैं. इसमें सात सांसदों वाली बीजद भी शामिल है.

राज्यसभा में ये है विपक्ष का गणित

कांग्रेस- 48 
टीएमसी- 13
डीएमके- 3
समाजवादी पार्टी- 12
एनसीपी- 4
सीपीआई- 2
सीपीआईएम- 5
आम आदमी पार्टी- 3
बहुजन समाज पार्टी- 4
पीडीपी-2
टीडीपी- 2
बीजेडी- 7
आईयूएमएल- 1
राजद- 5
-------------------------
कुल- 111 सांसद
जदयू- 06
--------------------------
कुल सांसद- 117

टीएमसी के नोटिस पर साइन करते हुए बिल को सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की है. इसमें जेडीयू के छह मेंबर जोड़ दें तो आंकड़ा 117 हो जाता है.

Banner Image Courtesy:- News Click

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