अबकी बार प्याज 150 के पार, थोक मंडी में 113 रुपये प्रति किलो पहुंची कीमत

संक्षेप:

  • प्याज की कीमतों में जारी तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है.
  • एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव में प्याज की कीमत 113 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है.
  • ऐसे में माना जा रहा है आम उपभोक्ता के लिए प्याज की कीमतें130 रुपये से 140 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है.

नई दिल्ली: प्याज की कीमतों (Onion Price Rises) में जारी तेजी थमने का नाम नहीं ले रही है. एशिया की सबसे बड़ी मंडी लासलगांव (Lasalgaon Onion Rate) में प्याज की कीमत 113 रुपये प्रति किलो पहुंच गई है. ऐसे में माना जा रहा है आम उपभोक्ता के लिए प्याज की कीमतें (Onion Price in India) 130 रुपये से 140 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है. कारोबारियों का कहना है कि देशभर की मंडियों में अभी तक प्याज की आवक नहीं बढ़ी है. स्टॉक आने में देरी की वजह से सप्लाई घट गई है, इसीलिए कीमतों में तेजी आई है. पिछले कुछ हफ्तों में देश के ज्यादातर बड़े शहरों में प्याज की कीमते 40 फीसदी तक बढ़ गई है.

थोक बाजार में महंगा हुआ प्याज

नासिक की लासलगांव सब्जी मंडी में प्याज की कीमतें 9800 रुपये/11300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई हैं. वहीं पिंपलगांव मंडी में प्याज का भाव 9700 रुपये/10400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, महाराष्ट्र में खुदरा प्याज की कीमतें सोमवार को 75/85 रुपये की तुलना में 90 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई. बाजार में प्याज की उपलब्धता कम है और किसानों के पास स्टॉक कम होने के कारण सप्लाई में तेजी से गिरावट और कीमतों में बढ़ोतरी होगी.

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आमतौर पर सर्दियों की फसल 10 नवंबर तक मंडियों में पहुंच जाती है, लेकिन इस साल बारिश के कारण देश के कई हिस्सों में फसल खराब हो गई है. इस महीने के अंत तक ही बाज़ार में नई फसल और निर्यातित प्याज आने की उम्मीद है.

आखिर क्यों बढ़ रहे है प्याज के दाम

इस प्याज की महंगाई की वजह साल 2018 का सूखा भी है. महाराष्ट्र में साल में दो बार प्याज की बुवाई होती है, पहले अगस्त फिर अक्टूबर-नवंबर में बुवाई की जाती है. अगस्त वाला प्याज नवंबर-दिसंबर में तैयार होता है, जबकि नवंबर वाला मार्च-अप्रैल तक आता है. पिछले साल सूखे के चलते किसानों के पास पानी की कमी थी और रेट भी कम मिल रहा था जिसके चलते बुवाई भी कम हुई.

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