जेवर एयरपोर्ट को बनाएगा स्वीटजरलैंड का Zurich Airport, बिड में Adani ग्रुप और DIAL को पछाड़ा

संक्षेप:

  • जेवर एयरपोर्ट बनाने का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट को मिला है.
  • ज्यूरिख एयरपोर्ट में अडानी ग्रुप और DIAL को मात देते हुए बोली जीती है.
  • जेवर एयरपोर्ट को 5 हजार हेक्टेयर में बनाया जाना है. 

नोएडा: जेवर एयरपोर्ट बनाने का ठेका ज्यूरिख एयरपोर्ट को मिला है। ज्यूरिख एयरपोर्ट में अडानी ग्रुप और DIAL को मात देते हुए बोली जीती है। जेवर एयरपोर्ट को 5 हजार हेक्टेयर में बनाया जाना है। पूरी तरह बन जाने के बाद यह भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने 84 प्रतिशत से अधिक जमीन अधिग्रहण कर यमुना अथॉरिटी को कब्जा भी दिला दिया है। बाकी जमीन अधिग्रहण करने के लिए जिला प्रशासन की प्रक्रिया जारी है।

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) ने 30 मई को जेवर एयरपोर्ट के लिए टेंडर निकाले थे। टेंडर खरीदने एवं जमा करने की अंतिम तिथि 30 अक्टूबर थी। इसमें 4 कंपनियों ने टेंडर जमा किए। इसमें दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड, स्विटजरलैंड की ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल एजी, अडानी ग्रुप की अडानी इंटरप्राइजेज लिमिटेड एवं एनकोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट होल्डिंग लिमिटेड शामिल है।

पूरी तरह बन जाने के बाद देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा

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अधिकारियों ने बनाया कि बन जाने के बाद जेवर एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। स्विट्जरलैंड में मुख्यालय वाली कंपनी ने जेवर एयरपोर्ट के लिए प्रति यात्री सबसे ज्यादा रुपये की बोली लगाई। ज्यूरिख एयरपोर्ट ने प्रति यात्रा 400.97 रुपये, DIAL (दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) ने 351, , अडानी इंटरप्राइजेज ने 360 और एनकोरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट होल्डिंग ने 205 की बोली लगाई थी।

29,560 करोड़ की आएगी लागत

जेवर एयरपोर्ट का नाम नोएडा इंटरनैशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होगा। इस प्रॉजेक्ट के नोडल ऑफिसर शैलेंद्र भाटिया ने बताया कि जब एयरपोर्ट पूरी तरह बन जाएगा तो यह 5,000 हेक्टेयर में फैला रहेगा। इसे बनाने में 29,560 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

2023 तक पूरा होगा पहला फेज

जेवर एयरपोर्ट को बनाने के लिए DIAL ने इस साल 30 मई को ग्लोबल टेंडर जारी किया था। दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट और गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट के बाद जेवर एयरपोर्ट एनसीआर का तीसरा एयरपोर्ट होगा। इस पर 6 से 8 रनवे होंगे जो भारतीय एयरपोर्टों में सबसे ज्यादा होगा। एयरपोर्ट का पहला फेज 1,334 हेक्टेयर में फैला होगा और इस पर 4,588 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अधिकारियों ने बताया कि पहला फेज 2023 में पूरा होने की उम्मीद है।

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