बिहार में गरमाई सियासत: नीतीश को मिला लालू का न्योता, कहा- फिर एकजुट होने का समय
- लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आने का न्योता दिया है.
- नीतीश कुमार साल 2017 में महागठबंधन से अलग हो गए थे.
- बिहार में गरमाई गठबंधन की सियासत.
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट मंत्री पद को लेकर बीजेपी के साथ चल रही अनबन के बीच लालू प्रसाद यादव ने उन्हें न्योता दिया है. हाल ही में लोकसभा चुनाव में बिहार में खाता खोलने में नाकाम रही लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आने का न्योता दिया है. नीतीश कुमार साल 2017 में महागठबंधन से अलग हो गए थे. यह औपचारिक न्योता राजद उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने सोमवार को पटना में दिया है.
लालू यादव के करीबी समझे जाने वाले सिंह ने मीडिया से कहा कि अब फिर से एकजुट होने का समय आ गया है, क्योंकि भाजपा आने वाले दिनों में नीतीश कुमार का केवल "अपमान" करेगी. बाद में पार्टी नेकहा कि यह अपील केवल नीतीश कुमार के लिए नहीं थी, बल्कि सभी गैर भाजपाई पार्टियों को साथ आना चाहिए. लोकसभा चुनाव में बहुमत के साथ जीत के बाद भाजपा ने अपने सभी सहयोगी दलों को एक-एक मंत्री पद का ऑफर दिया है, लेकिन इसको लेकर नीतीश कुमार नाराज दिख रहे हैं. नीतीश कुमार ने यह प्रस्ताव ठुकरा दिया था कहा कि जदयू सरकार का हिस्सा नहीं बनेगी. नीतीश की पार्टी को साल 2017 में भी मोदी सरकार का हिस्सा नहीं बनाया गया था, जब उन्होंने कांग्रेस और लालू यादव का साथ छोड़कर भाजपा से हाथ मिलाया था. इस बार उम्मीद थी कि उन्हें इसका फल मिलेगा. विशेषकर तब जब लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी ने 17 में से 16 सीटों पर जीत हासिल की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह से वापस लौटने के बाद नीतीश कुमार ने कहा था, `किसी को कोई भ्रम नहीं होना चाहिए कि जो जीत बिहार में एनडीए द्वारा दर्ज की गई थी - वह बिहार के लोगों की जीत है. अगर कोई दावा कर रहा है कि यह उसकी व्यक्तिगत जीत है, तो वे भ्रम में हैं.` मुख्यमंत्री की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. हालांकि, सोमवार को मुख्यमंत्री ने कहा था कि `एनडीए के साथ सब ठीक है`
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