मोदी सरकार से दूर नीतीश, कहा- LJP, SAD की 16 सांसदों वाली JDU से बराबरी नहीं, फिर एक ही मंत्री क्यों?

संक्षेप:

  • बिहार के सीएम और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि वो एनडीए के साथ हैं लेकिन जेडीयू मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा.
  • दिल्ली से शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेकर पटना लौटे नीतीश ने कहा कि किसी को कोई कोई भ्रम मे नहीं रहना चाहिए
  • हम एनडीए के साथ हैं हमारा समर्थन उनके साथ हैं.

बिहार के सीएम और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि वो एनडीए के साथ हैं लेकिन जेडीयू मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगा. दिल्ली से शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेकर पटना लौटे नीतीश ने कहा कि किसी को कोई कोई भ्रम मे नहीं रहना चाहिए. हम एनडीए के साथ हैं हमारा समर्थन उनके साथ हैं. उन्होंने कहा कि जिस परिस्थिति में सरकार में शामिल होने की बात की जा रही थी वो सही नहीं था. नीतीश ने आनुपातिक भागेदारी पर सवाल करते हुए कहा कि हमने सरकार से मिले प्रस्ताव को अपनी पार्टी के समक्ष रखा और सबकी सहमति के बाद ही हमने सरकार में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया.

नीतीश ने कहा कि बैठक के दौरान मुझे बताया गया कि सभी सहयोगियों को एक-एक सीट दी जा रही है जब उन्होंने एक सीट की बात कही यानी सिंबोलिक एपियरेंस की तो हमने कहा कि हमें नही लगता कि इसकी जरूरत है. हमने इसकी चर्चा अपने लोगों से की. नीतीश ने कहा कि हम लोकसभा में 16 और राज्यसभा से छह हैं. हमने अपनी कोर टीम से बात की और लोगों ने कहा कि ये उचित नहीं है. भागेदीरी अनुपातिक होना चाहिए और ये हमारी पार्टी में सभी लोगों की भी मांग थी.

 

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नीतीश ने कहा कि हमने अपनी तरफ से कुछ नहीं मांगा था लेकिन पेपर में पढ़ा कि हम तीन मांग रहे थे. हमें सरकार में सिंबोलिक सहभागिता की आवश्यक्ता नहीं थी. पूर्व के सरकारों में जो केंद्र में एनडीए की रही है सही प्रतिनिधित्व रहा है. हमने जब बीजेपी के इस प्रस्ताव को लेकर संगठन से लेकर मंत्रियों और सांसदों तक से बात की तो सभी ने नकारा और सभी की सहमति से सरकार में शामिल नहीं होने का फैसला लिया गया.

नीतीश ने कहा कि बिहार के हित में ही ये गठबंधन किया है. हमलोग इसी के लिए साथ हुए हैं. नीतीश ने कहा कि सरकार में शामिल करने वाली पार्टियों के मंत्री पद का अनुपात उनको तय करना चाहिए था. हमारा कोई प्रस्ताव नहीं था उनका एक का प्रस्ताव था. नीतीश से जब नई सरकार के गठन में जातिगत समीकरण को लेकर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि हमें उनके सरकार के गठन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना लेकिन इतना जरूर कहना है कि सांकेतिक भागेदारी का कोई मतलब ही नहीं.

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