BJP की सहयोगी पार्टी JDU ने किया 'तीन तलाक' बिल का विरोध, कहा- मुस्लिमों पर बिना सलाह के कोई भी विचार नहीं थोपा जाए

संक्षेप:

  • भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने ‘तीन तलाक` विधेयक का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा कि बगैर व्यापक परामर्श के मुसलमानों पर कोई भी विचार नहीं थोपा जाना चाहिए.
  • यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा पेश किए जाने की संभावना है
  • जदयू प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने एक बयान में कहा, ‘जदयू समान नागरिक संहिता पर अपने पहले के रूख को दोहराता है

भाजपा के सहयोगी दल जदयू ने ‘तीन तलाक` (तलाक-ए-बिद्दत) विधेयक का शुक्रवार को विरोध करते हुए कहा कि बगैर व्यापक परामर्श के मुसलमानों पर कोई भी विचार नहीं थोपा जाना चाहिए. यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में भाजपा नीत राजग सरकार द्वारा पेश किए जाने की संभावना है. जदयू प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने एक बयान में कहा, ‘जदयू समान नागरिक संहिता पर अपने पहले के रूख को दोहराता है. हमारा देश विभिन्न धर्मों के समूहों के लिए कानून और शासन के सिद्धांतों के संदर्भ में एक बहुत ही नाजुक संतुलन पर आधारित है.`
हालांकि, बयान में तीन तलाक विधेयक का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया गया है. लेकिन जदयू सूत्रों ने बताया कि प्रस्तावित विधेयक समान नागरिक संहिता पर उनके रूख के केंद्र में है क्योंकि भाजपा ने मुसलमानों की तीन तलाक की प्रथा को अपराध की श्रेणी में डालने पर अक्सर जोर दिया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जदयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रथम कार्यकाल के दौरान इस विधेयक का विरोध किया था. पार्टी ने अपना रूख दोहराते हुए स्पष्ट किया है कि जदयू अपने रूख पर दृढ़ता से कायम है.

त्यागी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इस (समान नागरिक संहिता) पर विभिन्न धार्मिक समूहों के साथ अब भी काफी गंभीर मशविरा करने की जरूरत है. इस तरह की प्रक्रिया के अभाव में विवाह, तलाक, दत्तक अधिकार, विरासत और संपत्ति का उत्तराधिकार के जटिल मुद्दे से निपटने वाली लंबे समय से चली आ रही धार्मिक परंपरा से जल्दबाजी में छेड़छाड़ करने की स्पष्ट रूप से सलाह नहीं दी जा सकती.`

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