बिहार BJP में नित्यानंद राय के उत्तराधिकारी को लेकर मंथन, अध्यक्ष पद की दौड़ में ये कद्दावर नेता शामिल
- लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिहार में शानदार प्रदर्शन किया
- बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी स्थान मिल गया है.
- भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय दूसरी बार उजियारपुर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने बिहार में शानदार प्रदर्शन किया. बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी स्थान मिल गया है. अब पार्टी राज्य में नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए माथापच्ची कर रही है. कई नामों को लेकर मंथन जारी है. कहा जा रहा है कि अगले साल बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए नेतृत्वकर्ता के रूप में दमदार चेहरे की खोज की जा रही है. भाजपा नए नेतृत्व के जरिये बिहार में सामाजिक समीकरणों को भी साधने की भी कोशिश करेगी. आपको बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में इस चुनाव में भाजपा को न केवल करीब ढाई प्रतिशत ज्यादा मत मिले, बल्कि पार्टी का स्ट्राइक रेट भी 100 प्रतिशत रहा. राजग में भाजपा ने अपने हिस्से की सभी 17 सीटों पर जीत हासिल की. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय (Nityanand Rai) दूसरी बार उजियारपुर संसदीय क्षेत्र से जीत हासिल की.
इस चुनाव में राय ने राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पराजित किया, जिसका पुरस्कार भी उन्हें केंद्र में पहली बार मंत्री बनाकर पार्टी ने दिया. नित्यानंद राय के मंत्री बनने के बाद यह तय है कि वे अब अध्यक्ष पद छोड़ेंगे. राय ने हालांकि अब तक औपचारिक रूप से अपने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं दिया है. लोकसभा चुनाव परिणाम के आंकड़ों पर गौर करें तो इस चुनाव में भाजपा को दलितों, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों का भी साथ मिला है. सूत्रों का दावा है कि इस बार चुनाव जीतने और केंद्र में मंत्री नहीं बनने वाले पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, संजय जायसवाल जैसे दिग्गज सांसदों में से किसी एक को भी यहां के शीर्ष पद की जिम्मेवारी सौंपी जा सकती है.
ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम
If You Like This Story, Support NYOOOZ
Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.