Loksabha Election Results 2019: राजनीतिक उलटफेर को भांपने में हैं रामविलास पासवान नंबर वन! जिधर होते हैं सत्ता उसकी होती है

संक्षेप:


  • रामविलास पासवान ने सबसे पहले मौसम वैज्ञानिक होने का परिचय वाजपेयी सरकार के दौरान दिया थ
  • . जब उन्हें लगने लगा था कि अगल सरकार उनकी नहीं बनने वाली है
  • फिर उन्होंने गोधरा कांड का बहाना बनाकर वाजपेयी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया 

17वीं लोकसभा में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता संभालने वाले हैं. इस चुनाव में एनडीए को 350 सीटें और बीजेपी को 300 सीटें मिलती नजर आ रही हैं. बिहार एनडीए में शामिल रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा भी सभी छह सीटें जीत रही हैं. इस जीत की भविष्यवाणी उस समय हो गई थी जब राम विलास पासवान एनडीए का साथ नहीं छोड़े. क्यों कहा जाता है पासवान मौसम वैज्ञानिक हैं वह अगली सरकार किसकी बनने वाली है. फिर वह उसके साथ चले जाते हैं. उन्हें मौसम वैज्ञानिक का तमगा आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने दी थी.

वर्ष 1977 से लेकर 2014 तक के लोकसभा चुनाव पर नजर डालें तो ज्यादतर वार राम विलास पासवान जिस गठबंधन और पार्टी के साथ रहते हैं उसी की सरकार केंद्र में बनती हैं. वर्ष 1989 में तो जब वीपी सिंह केंद्र में जनमोर्चा की सरकार बनाने में सफल रहे तो उस मोर्चा की धुरी रामविलास पासवान थे. रामविलास पासवान अपने राजनीतिक करियर में करीब तीन दशक किसी न किसी सरकार में वे मंत्री रहे हैं.


रामविलास पासवान ने सबसे पहले मौसम वैज्ञानिक होने का परिचय वाजपेयी सरकार के दौरान दिया था. जब उन्हें लगने लगा था कि अगल सरकार उनकी नहीं बनने वाली है. फिर उन्होंने गोधरा कांड का बहाना बनाकर वाजपेयी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया और यूपीए गठबंधन के साथ आ गए और 2004 में मनमोहन के नेतृत्व यूपीए सरकार बनी.वे कैबिनेट मंत्री बनाए गए.

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2009 के लोकसभा चुनाव में वे हार गए. फिर लालू प्रसाद ने अपने कोटे से राज्यसभ सदस्य बनाया. 2014 के चुनाव उन्हें लगने लगा की नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता के तौर उभर सामने आ रहे हैं तब वे एनडीए में शामिल हो गए।. उनकी पार्टी इस चुनाव में छह सीटें जीतने में कामयाब हो गए। मोदी कैबिनेट में मंत्री बन गए.

2019 के चुनाव में भी वे चुनावी मौसम को भांप गए. एनडीए के साथ डटे रहे। उन्होंने कहा मैं मौसम वैज्ञानिक हूं. इस बार भी मोदी के नेतृ्त्व में सरकार बनेगी और चुनाव हुए एनडीए ने बिहार में महागठबंधन का सूपड़ा साफ कर दिया. लोजप सभी 6 सीटें जीतने में कामयाब हो गई. वर्ष 1980, 1984 और 2009 के लोकसभा चुनावों को छोड़ वे जिस दल या गठबंधन के साथ रहे हैं उसी की सरकार केंद्र में बनती रही है.

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