बिहार में नया सियासी ड्रामा! CM नीतीश को अब RJD से मिला खुला ऑफर

संक्षेप:

  • लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां उफान पर हैं.
  • पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात के अगले दिन ही अब राजद ने भी जेडीयू प्रमुख को खुला ऑफर दे दिया है.
  •  रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में अगर जीत हासिल करनी है और बीजेपी को पछाड़ना है तो हर हाल में सभी गैर भाजपाई पार्टियों को एकजुट होना होगा.

पटना: लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को मिली करारी हार के बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मियां उफान पर हैं. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी से सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात के अगले दिन ही अब राजद ने भी जेडीयू प्रमुख को खुला ऑफर दे दिया है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वर्ष 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में अगर जीत हासिल करनी है और बीजेपी को पछाड़ना है तो हर हाल में सभी गैर भाजपाई पार्टियों को एकजुट होना होगा. इसके साथ ही रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि इन गैर भाजपाई पार्टियों में नीतीश कुमार भी शामिल हैं. नीतीश कुमार कब किसका साथ छोड़ दें और फिर हाथ मिला लें यह कोई नहीं कह सकता.

टिकट बंटवारे पर सवाल

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी की करारी हार के कारणों के जवाब में टिकट के बंटवारे पर सवाल उठाया और कहा कि महागठबंधन में सीटों का बंटवारा सही तरीके से नहीं हुआ था. कमजोर उम्मीदवार होने के बावजूद भी प्रत्याशियों को मैदान में उतारा गया. टिकट बंटवारे से लेकर नेतृत्व तक के लिए कोई कॉमन मिनिमम प्रोग्राम नहीं था.

सवर्ण आरक्षण पर उल्टा पड़ा दाव

रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि पार्टी के नेताओं को सवर्ण आरक्षण बिल का विरोध करना भी भारी पड़ा. सवर्ण आरक्षण बिल के विरोध का फैसला गलत था. इसके साथ ही देश-प्रदेश स्तर पर कई बड़ी चूक हुई है, जिसका सभी को जवाब देना पड़ेगा. मालूम हो कि लोकसभा चुनाव में महागठबंधन को बिहार में करारी हार का सामना करना पड़ा था. महागठबंधन के अगुआ आरजेडी ने 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिसमें से सभी हार गए थे. वैशाली सीट से खुद रघुवंश प्रसाद सिंह चुनावी मैदान में थे, लेकिन उन्‍हें हार का सामना करना पड़ा था. इस हार के बाद दबी जुबान से ही सही राजद के कई नेताओं ने नेतृत्व से लेकर टिकट बंटवारे तक पर सवाल खड़े किए थे. पार्टी ने हार के बाद इसकी जांच का भी फैसला लिया है.

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

Related Articles