बाहुबली अनंत सिंह कभी नीतीश के थे चहेते मगर अब उन्हीं के राज में कसा जा रहा है शिकंजा

संक्षेप:

  • बिहार के बड़े बाहुबलियों में से एक अनंत सिंह (Anant Singh) के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं.
  • अब उनके घर से एके 47 रायफल मिलने से उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं.
  • आलम ये है कि उनपर आर्म्स एक्ट (Arms Act) और यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.

पटना: बिहार के बड़े बाहुबलियों में से एक अनंत सिंह (Anant Singh) के अच्छे दिन नहीं चल रहे हैं. पहले हत्या की सुपारी देने का एक ऑडियो वायरल(Audio Viral) हुआ तो पुलिस के शिकंजे में फंस गए. अब उनके घर से एके 47 रायफल मिलने से उनकी मुश्किलें और भी बढ़ गई हैं. आलम ये है कि उनपर आर्म्स एक्ट (Arms Act) और यूएपीए (UAPA) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है. यह मामला उसी थाने में दर्ज हुआ है जिस इलाके में इस बाहुबली की तूती बोलती है. हालांकि कानून के सख्ती के बीच ये बाहुबली भी पस्त होता दिख रहा है और बार-बार यही कह रहा है कि उन्हें फंसाया गया है.

CM नीतीश से मिलना चाहते हैं अनंत सिंह

अनंत सिंह जेडीयू के सांसद ललन सिंह पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि उनसे दुश्मनी निकाली जा रही है और वे इस मसले को लेकर सीएम नीतीश कुमार से भी मिलेंगे और अपनी बात कहेंगे. उन्होंने अब कोर्ट जाने का भी दावा किया और कहा कि उन्हें न्यायालय परपूरा भरोसा है.

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कभी नीतीश और ललन के चहेते थे अनंत

बहरहाल बाहुबली अनंत सिंह आखिर सीएम नीतीश कुमार से मिलने की बात क्यों कह रहे हैं? इसके पीछे भी दिलचस्प कहानी है. दरअसल जिस जेडीयू सांसद ललन सिंह पर खुद को फंसाने का आरोप अनंत सिंह लगा रहे हैं, पहले उनका उनका आशीर्वाद इन्हें प्राप्त था. यही वजह थी कि की सीएम नीतीश कुमार के भी ये चहेते थे.

जेडीयू के टिकट पर बने थे विधायक

बिहार में जब लालू-राबड़ी का राज था तो अनंत सिंह के घर पर छापेमारी हुई थी और घंटों तक दोनों तरफ़ से फ़ायरिंग हुई. हालांकि उस समय की राजनीतिक परिस्थिति में अनंत सिंह पर नीतीश कुमार और ललन सिंह का साथ मिलने की वजह से वे जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर विधायक चुने गए थे.

नीतीश से थी सियासी दोस्ती

दरअसल इस दोस्ती की नींव 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब नीतीश कुमार बाढ़ संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे. उसी दौर में मोकामा से निर्दलीय विधायक सूरजभान सिंह बलिया से आरजेडी-लोजपा का संयुक्त उम्मीदवार बनाए गए. नीतीश कुमार को यह अहसास हो गया कि अनंत सिंह की मदद के बिना चुनाव आसान नहीं होगा.

नीतीश कुमार को चांदी सिक्कों से तौला था

नीतीश के कहने पर उनके चुनाव प्रभारी ललन सिंह ने अनंत सिंह से बात की और उन्हें अपने साथ ले आए. उस समय एक जनसभा का आयोजन किया गया था जिसमें चांदी के सिक्कों से अनंत सिंह ने नीतीश कुमार को तौला था. इस कार्यक्रम का यह वीडियो फुटेज भी काफ़ी चर्चित रहा और नीतीश के लिए परेशानी का सबब भी बना.

सत्ता संरक्षण में बनाई अकूत संपत्ति

नीतीश कुमार के सत्ता में आते ही अनंत सिंह ने इसका खूब उपयोग किया. पटना में औने-पौने दामों में संपत्ति खरीदी. कई बार मामला कोर्ट कचहरी और थाने तक पहुंचा, लेकिन अनंत सिंह को सत्ता का संरक्षण मिला हुआ था. ललन सिंह के वरदहस्त होने के चलते अनंत सिंह का कभी भी कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाया.

जीतन राम मांझी को दी थी धमकी

अनंत सिंह के हौसले इतने बुलंद हो चुके थे कि पिछले लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जब नीतीश कुमार के कहने से जीतन राम मांझी मुख्यमंत्री बने तब अनंत सिंह ने उन्हें खुलेआम धमकी तक दी थी. उनके खिलाफ जातिवाचक शब्दों का प्रयोग तक किया था.

लालू-नीतीश की जोड़ी को दी थी मात

इसके बाद 2015 में जब आरजेडी-जेडीयू महागठबंधन बना उसी दौरान बाढ़ थाना क्षेत्र में कुछ यादव लड़कों के साथ मारपीट की घटना घटी. इसके बाद लालू यादव के दबाव पर अनंत सिंह के घर पर छापेमारी हुई, लेकिन उस समय कुछ भी बरामद नहीं हुआ. तब पुलिस पर छापेमारी की खबरें लीक करने के आरोप भी लगे थे.

सत्ता से दुश्मनी पड़ रही महंगी!

नीतीश-लालू के साथ आने के बावजूद भी वे विधानसभा चुनाव बतौर निर्दलीय जीत गए. बताया जाता है कि यही जीत उनके लिए अब दुर्गति का कारण बनता जा रहा है. माना जाता है कि बीते लोकसभा चुनाव में जिस अंदाज में अनंत सिंह ने नीतीश कुमार का विरोध किया और चुनौती दी, यही उनकी बड़ी चूक हुई.

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