कॉलेजों के छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा देने की योजना फेल, 6 जिलों से सौ स्टूडेंट्स ही जुड़ पाए

संक्षेप:

बरमकेला, लैलूंगा, तमना कॉलेजों में प्रोफेसर नहीं, इसलिए छात्रों की पढ़ाई प्रभावित

कॉलेजों के स्टूडेंट्स ऑनलाइन शिक्षा लेने में लापरवाही बरत रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों को शिक्षा देने के लिए शुरू की गई संभाग स्तरीय ऑनलाइन क्लास में वर्तमान में 100 से ज्यादा स्टूडें्टस भी शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं। इससे संभाग स्तर पर ऑनलाइन शिक्षा देने की योजना फ्लाॅप होती नजर आ रही है। जिले के कॉलेजों में प्रोफेसर नहीं है। हर वर्ष अतिथि शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई होती है, लेकिन इस वर्ष अतिथि शिक्षकों को रखने की मनाही है। जिन कॉलेजों में प्रोफेसर नहीं है, वहां के स्टूडेंट्स को संभाग स्तर की ऑनलाइन क्लास से जोड़ने कहा गया है, लेकिन संभाग स्तर की ऑनलाइन क्लास में वर्तमान में छह जिलों से 100 स्टूडेंट्स भी जुड़ नहीं पा रहे है। ऐसे में उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और अंतिम समय में स्टूडेंट्स बिना पढ़ाई एग्जाम देंगे रिजल्ट भी प्रभावित होगा। लिंक नहीं इसलिए ऑनलाइन जुड़ने में परेशानी- जिले में लीड कॉलेज सहित 13 कॉलेज है, इसमें गर्ल्स कॉलेज में 1 हजार और पीडी कॉमर्स कॉलेज में 700 स्टूडेंट्स है। बाकी 10 कॉलेज ग्रामीण इलाकों और ब्लॉक मुख्यालयों में स्थित है। इन कॉलेजों में 4 हजार से अधिक स्टूडेंट्स शिक्षा ले रहे हैं। इन्हें ऑनलाइन क्लास के माध्यम से शिक्षा दी जानी है। सारंगढ़, खरसिया, धरमजयगढ़ के कॉलेज में सब्जेक्ट्स के कुछ प्रोफेसर है, जो स्टूडेंट्स का क्लास की लिंक भेज रहे हैं पर बाकी कॉलेजों में प्रोफेसराें की कमी होने से छात्रों को ऑनलाइन क्लास की लिंक नहीं मिल पा रही है। इससे 3 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

कई ऐसे ब्लॉक जहां एक-एक प्रोफसरों के भरोसे चल रहे हैं कॉलेज


सरिया, तमनार जैसे कॉलेज एक-एक प्रोफेसर के भरोसे संचालित हो रहे हैं। बरमकेला, लैलूंगा, तमनार जैसे कॉलेजों में भी साइंस आर्ट्स के दो- चार प्रोफेसर हैं। स्थानीय स्तर पर उन्हें ही क्लास लेने के लिए कहा है। डिग्री कॉलेज की ऑनलाइन क्लास में भी अंडर ग्रेजुएशन के 50 फीसदी स्टूडेंट्स भी जुड़ नहीं पा रहे हैं। ऐसे में कॉलेजों में पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। प्राचार्य डॉ एके तिवारी ने बताया कि कॉलेजों यूजर आईडी और पासवर्ड देकर सभी प्रिसिंपल और प्रोफेसरों कहा हैं कि संभाग स्तर क्लास में जुड़े। इसमें साइंस स्टूडेंट्स ऑनलाइन में जुड़ रहे है, लेकिन दूसरे सब्जेक्ट्स में स्टूडेंट्स नहीं जुड़ने परेशानी है।

इधर कॉलेजों में इंटरनल एग्जाम करना होगा


कॉलेजों में इंटरनल एग्जाम भी कराना होगा, जिसमें आखिरी समय में स्टूडेंट्स फाइनल एग्जाम में इनके मार्क्स जुड़ते है। अब यह एग्जाम को स्कूलों में ऑनलाइन माध्यम से लेने के लिए कहा जा रहा है, जिसमें आखिरी समय रिजल्ट बनाते समय स्टूडेंट्स का असेंसमेंट करने में दिक्कत ना हो। यह एग्जाम स्टूडेंट्स नहीं देंगे तो उनके ओवर ऑल मार्क्स कम होंगे।

परेशानी है, जिला स्तर पर कोई इंतजाम नहीं हो पाया

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"हमने संभाग स्तर पर अलग अलग कॉलेजों में ऑनलाइन क्लासेस हो,इसके लिए बिलासपुर में व्यवस्था बनाई है। इसके अलावा जिले लीड कॉलेज को भी कहा था कि वह स्थानीय स्तर पर इंतजाम करके पढ़ाई कराने के लिए कहा था, लेकिन वहां पर प्रबंधन इंतजाम नहीं कर पाने की वजह से संभाग स्तर पढ़ाई हो रही है। ऑनलाइन क्लासेस में दिक्कत हो रही है, इसमें डाटा उपलब्धता के साथ में नेटवर्क प्राब्लम की भी समस्या रहती है। इसलिए भी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।``

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