1.29 करोड़ की हेराफेरी के आरोपी समिति के उपाध्यक्ष व सदस्य गिरफ्तार

संक्षेप:

मंगलवार को खरसिया पुलिस ने धान व बारदाने की हेराफेरी कर लाखों रुपए का गबन करने वाले दो आरोपियों को पकड़ा है।

मंगलवार को खरसिया पुलिस ने धान व बारदाने की हेराफेरी कर लाखों रुपए का गबन करने वाले दो आरोपियों को पकड़ा है। आरोपी चार महीने से फरार चल रहे थे। अभी जब प्रदेश में हर जगह बारदाने की कमी और किसानों की समस्या को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार में ठनी हुई है वहीं पुलिस ने बारदाना और धान खरीदी में गड़बड़ी के आरोपियों को जेल भेजा है। 18 सितंबर 2020 को खरसिया के खाद्य निरीक्षक ने कार्यालय कलेक्टर (खाद्य शाखा) रायगढ़ में शिकायत की थी। इसके अनुसार धान उपार्जन केन्द्र जैमुरा और बसनाझर के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में समिति प्रबंधक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, फड़ प्रभारी, बारदाना प्रभारी, लिपिक, लेखापाल और कंप्यूटर ऑपरेटर ने मिलकर 1 करोड़ 29 लाख 89 हजार रुपए का गबन पाया गया था। आदिम जाति सेवा सहकारी मर्यादित जैमुरा विकासखंड खरसिया की जांच में उपार्जन केन्द्र जैमुरा और बसनाझर समिति में कई गड़बड़ियां उजागर हुई। मामले में समिति सदस्य हरिनंदन डनसेना और रामकुमार की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है। मंगलवार को समिति के उपाध्यक्ष तेजराम पटेल और सदस्य गंगेलाल साहू की गिरफ्तारी की गई।

जांच कमेटी ने इन तीन बिंदुओं पर पाया दोषी
धान उपार्जन केन्द्र जैमुरा

धान की हेराफेरी- धान उपार्जन केन्द्र में 1 दिसंबर 2019 से 20 फरवरी 2020 तक कुल 44 हजार 680 क्विंटल धान खरीदी की गई। इसमें मात्र 42 हजार 534.17 क्विंटल धान को संग्रहण केंद्र पहुंचाया गया। उपार्जन केन्द्र में 2080.56 क्विंटल धान की कमी मिली। जिसकी कीमत 52 लाख 14 सौ रुपए है।
बारदाने में कमी- शासन की ओर से 15 हजार 77 नग नया और 9 हजार 553 नगर पुराना बारदाना दिया गया था। इसकी कुल कीमत 9 लाख 62 हजार 977 रुपए है। उपार्जन केंद्र में ये बारदाने कम मिले।


धान उपार्जन केन्द्र बसनाझर


धान की हेराफेरी - धान उपार्जन केन्द्र में 1 दिसंबर 2019 से 20 फरवरी 2020 तक कुल 28 हजार 824 क्विंटल धान खरीदी की गई। इसमें से संग्रहण केंद्र केवल 28 हजार 506 क्विंटल धान ही पहुंचा। 1512.37 क्विंटल धान की गफलत हुई। जिसकी कीमत 37 लाख 80 हजार 925. रुपए थी।
बारदाने में कमी - शासन की ओर से 14 हजार 857 नग नया और 8 हजार 572 नगर पुराने के साथ 146 भर्ती बारदाना दिया गया था। जिसकी कीमत 9 लाख 42 हजार 355.20 रुपए है।


जांच समिति ने इन सभी को बताया था जिम्मेदार

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धान उपार्जन केन्द्र जैमुरा उप केन्द्र बसनाझर में संचालक समिति के अध्यक्ष सुमति बाई सिदार उपाध्यक्ष तेजराम पटेल, उपाध्यक्ष मथुरा बाई सिदार एवं सदस्य हरिनंदन डनसेना, गंगेलाल साहू, बंधुराम पटेल, रामाधार बंजारे, बुधेश्वर डनसेना, बल्लभ सिंह राठिया, रामकुमार सिदार, हलधर डनसेना, प्रमोद कुमार राठौर, लाल कुमार नांगवंशी, डोलनारायण पटेल, संयुक्त रूप से जिम्मेदार हैं। कुल लोग अब भी फरार हैं।

ऐसी मनमानी... कैश बुक में दर्ज किए बिना मर्जी से किया लाखों का खर्च


उक्त दोनों उपार्जन केन्द्रों में प्रबंधक एवं अध्यक्ष द्वारा धान सुरक्षा के लिए अलग-अलग समय में 21 लाख 1 हजार रुपए खर्च किए गए। खर्च का पूरा ब्यौरा भी समिति प्रबंधक सामने नहीं ला पाए।

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