2024 तक 1407 गांव में घर-घर पहुंचेगा पानी

संक्षेप:

नए टेंडर की तैयारी, नई दर पर होंगे काम इसलिए बजट 1073 से बढ़कर 1700 करोड़ हुआ

 

जल जीवन मिशन पर विवाद के बाद पुराने वर्क ऑर्डर कैंसिल कर नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया की तैयारी की जा रही है। जिले के 1407 गांवों में हर घर तक पानी पहुंचाने के लिए टेंडर से पहले विलेज एक्शन प्लान तैयार किया है। अब खर्च 1073 से बढ़ाकर 1700 करोड़ रुपए होगा।

गांवों के सरपंचों और लोगों से बातचीत कर इसे तैयार किया गया है। इसमें सिर्फ 15 गांवों में 70 फीसदी घरों में पानी सप्लाई और भूजल स्तर सही मिला है, हालांकि प्लान में उन गांवों को भी शामिल किया गया है। केंद्र सरकार ने 2024 तक हर गांवों में लोगों के घर तक पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इस वर्ष राज्य विधानसभा और इसके बाद लोकसभा चुनाव इसलिए भी इस काम जल्द शुरू कराने के लिए टारगेट रखा गया है। जिले में 774 पंचायत हैं 1407 गांव हैं।

उनमें पहले गांव में हर घर में पानी पहुंचाने के लिए टेंडर प्रोसेस किया था, जिसमें 627 करोड़ रुपए का टेंडर हुआ था। टेंडर बंटवारे के विवाद होने के बाद राज्य स्तर पर उसे कैंसिल कर दिया गया था। इसके बाद जिला स्तर पर ही टेंडर प्रोसेस करने निर्णय लिया गया है, इसकी मॉनिटरिंग कलेक्टर करेंगे। कुछ महीने पहले प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने एक साथ सभी जिलों में जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत काम निरस्त किए थे।

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पीएचई के इंजीनियरों कहना हैं कि केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन की गाइडलाइन बदली है, इसमें हर 390 पंचायतों में छह इंटकवेल बनाया जाना है। इसी तरह गांवों में पानी की टंकियां बना कर पाइपलाइन बिछा कर गांवों में लोगों को पानी पहुंचाना है। इस तरह नदी से इंटकवेल तक पानी पहुंचा कर उसे साफ करके गांव तक पानी पहुंचाया जाना है। जहां पानी का स्रोत है उन इलाकों में पाइपलाइन बिछा कर और सोलर सिस्टम लगाकर पानी पहुंचाना है। इससे जल जीवन मिशन का बजट बढ़ गया है। हर एक घर में पानी पहुंचाने के लिए 47 हजार रुपए खर्च होंगे। जिसमें कुल बजट 50-50 फीसदी केंद्र और राज्य सरकार का होगा।

सामान की कीमतें बढ़़ी इसलिए बढ़ गया बजट

शेड्यूल ऑफ रेट (एसओआर) में हर एक सामानों का रेट निर्धारित होता है। पिछली बार जल जीवन मिशन का टेंडर 2013 में बने एसओआर के अनुसार किया गया था। टेंडर कैंसिल होने के बाद अब पीएचई में राज्य स्तर पर शेड्यूल ऑफ रेट को बदल दिया है। अब नया टेंडर एसओआर 2020 के अनुसार होगा। इसे ही बजट बढ़ने की वजह माना जा रहा है।

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