भूपेश ने कहा-पुरंदेश्वरी हंटर मार रही हैं इसीलिए आंदोलन, रमन बोले- सीएम पुरंदेश्वरी की सक्रियता से परेशान

संक्षेप:

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टाेरेट का घेराव करने के मामले पर निशाना साधते हुए कहा कि पुरंदेश्वरी जी बार-बार आ रही हैं हंटर चला रही हैं तो उन्हें दिखाने के लिए कुछ तो करना होगा।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं द्वारा किसानों के मुद्दे को लेकर जिला कलेक्टाेरेट का घेराव करने के मामले पर निशाना साधते हुए कहा कि पुरंदेश्वरी जी बार-बार आ रही हैं हंटर चला रही हैं तो उन्हें दिखाने के लिए कुछ तो करना होगा। उन्हें प्रदर्शन करने दीजिय। लेकिन सवाल इस बात का है कि भाजपा के नेता बताएं कि कितने लोगों को किसान न्याय योजना का पैसा नहीं चाहिए, यदि नहीं चाहिए तो उसे बताना चाहिए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा के 10 लाख कार्यकर्ता हैं कौन-कौन हैं जो समर्थन मूल्य में धान नहीं बेचना चाहते और किन्हें खुली मंडियों में बेचना है। सीएम ने कहा कि इस बार हमने धान खरीदी केन्द्रों की संख्या बढ़ाई है इसलिए किसानों को धान बेचने में जरा भी तकलीफ नहीं हुई। मैं खुद जिलों का दौरा कर रहा हूं, खरीदी केंद्रों में जा रहा हूं। कहीं कोई तकलीफ नहीं है।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह सिंह ने कहा कि पुरंदेश्वरी की सक्रियता से सीएम बघेल को तकलीफ हो रही है। प्रदेश में अगर किसानों को समस्याएं नहीं है, तो 255 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या क्यों की है? किसानों को रूला-रूला कर धान खरीदी करने का क्या मतलब है? दूसरी ओर पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पुरंदेश्वरी की सक्रियता से कांग्रेस परेशान हो उठी है। भाजपा लोकतांत्रिक पार्टी है। हमें दो साल विपक्ष में हुए हैं और हम जनता के साथ खड़े हैं।

पुलवामा मामले की सिटिंग जज की देखरेख में जांच होनी चाहिए : सीएम भूपेश

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर पुलवामा हमले को लेकर केन्द्र सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा से जुड़े इस महत्वपूर्ण मामले की जांच सिटिंग जज की देखरेख में होनी चाहिए।

दरअसल सीएम भूपेश ने अर्णब गोस्वामी के चैट के सामने आने के मामले में कहा कि देश की सुरक्षा के लिए यह बेहद खतरनाक है। इतनी गोपनीय जानकारी किसी पत्रकार को कैसे हो गई? अगर यह सच है तो इस मामले की जांच होनी चाहिए। इस मामले में तो एनआईए औैर न्यायालय को स्वत: संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।

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