NRC: छत्तीसगढ़ सरकार की नज़र पाकिस्तानियों की संपत्ति पर, राज्य में 6 लाख विदेशी शरणार्थी,

संक्षेप:

  • छत्तीसगढ़ सरकार ने पाकिस्तान से आकर संपत्ति खरीदने वालों की तलाश शुरू कर दी है।
  • केंद्र सरकार ने पाकिस्तान लौटने वालों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया है
  • केंद्र के फरमान के बाद राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्ति की पड़ताल शुरू हुई है

रायपुर। देश में इन दिनों एनआरसी का मुद्दा गरमाया हुआ है। इस बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने पाकिस्तान से आकर संपत्ति खरीदने वालों की तलाश शुरू कर दी है। राजस्व विभाग ने कलेक्टरों से पाकिस्तानी नागरिकों की चल और अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान लौटने वालों की संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित किया है और उसका रिकार्ड राज्यों से मांगा है। केंद्र के फरमान के बाद राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्ति की पड़ताल शुरू हुई है।

जानकारी के अनुसार जो लोग संपत्ति छोड़कर पाकिस्तान चले गए हैं, उन पर ध्यान दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में छह लाख विदेशी शरणार्थी थे जिसमें से 40 फीसद लोग वापस पाकिस्तान और बांग्लादेश लौट गए हैं।

छत्तीसगढ़ के जिन ज़िलों में पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्ति है उस पर जिला कलेक्टर को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों की संपत्ति का उपयोग कैसे करना है, इसकी गाइडलाइन भी जारी की है। इसमें शत्रु संपत्ति को किराए पर देने के साथ अन्य तरीके बताए गए हैं। इसमें लावारिस हालत में पड़ी संपत्ति को अपने कब्जे में लेने का भी प्रावधान है।

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


पुलिस मुख्यालय के खुफिया विंग के आला अधिकारियों ने बताया कि हर वर्ष बड़ी संख्या में पाकिस्तानी यहां पर्यटक के रूप में आते हैं। इनमें से कुछ वीजा का समय बढ़वाकर तो कुछ अवैध रूप से यहीं रूक जाते हैं। धीरे-धीरे कारोबार शुरू करते हैं और फिर प्रपार्टी भी बना लेते हैं। रायपुर में बिना वीजा के करीब एक हज़ार पाकिस्तानी नागरिक हैं। जनवरी 2015 से जनवरी 2019 के बीच ऐसे 342 लोगों को राज्य में भारतीय नागरिकता दी गई है। ये बंटवारे के समय आए थे।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य रायपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।