राजधानी के बड़े डॉक्टरों ने वैक्सीन लगवाकर दूर किया डर, टीकाकरण 68 फीसदी तक पहुंचा

संक्षेप:

जिला अस्पताल में सबसे कम सिर्फ 26 टीके, मेडिकल में सबसे ज्यादा 88

राजधानी में बुधवार को टीकाकरण को लेकर फैली भ्रांति, डर और झिझक को दूर करने शहर के बड़े डॉक्टर वैक्सीन लगवाने आगे आए। इसके कारण शहर के चार बूथ में वैक्सीनेशन 68 फीसदी तक पहुंच गया। पंडित जवाहरलाल नेहरु मेडिकल कॉलेज, एम्स रायपुर, एमएमआई और जिला अस्पताल पंडरी में कुल मिलाकर 400 टारगेट के मुकाबले 273 टीके लगे। तीसरे दिन मेडिकल कॉलेज में सबसे ज्यादा 88 तो पंडरी जिला अस्पताल में सबसे कम 26 प्रतिशत टीके ही लगे। शहर के बाहर तिल्दा में बनाए गए बूथ में सर्वाधिक 96 प्रतिशत टीके लगे। एम्स रायपुर में 81 और अब तक टॉप पर आ रहे एमएमआई अस्पताल में 78 टीके लगे। वैक्सीनेशन को अस्पताल में होड़ अब दिखाई दे रही है। मेडिकल कॉलेज के टीकाकरण का ग्राफ बढ़ाने के लिए मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णु दत्त, चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आरके पंडा, क्रिटिकल केयर प्रभारी डॉ. ओपी सुंदरानी और एनेस्थेसिया एचओडी डॉ. केके सहारे ने भी टीका लगवाया। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. विष्णु दत्त ने कहा कि टीका लगवाने से डरे नहीं क्योंकि जीता वही जो डरा नहीं। उन्होंने कहा कि मेरे टीका लगवाने से लोगों के बीच में एक सकारात्मक संदेश जायेगा कि कोरोना पर जीत हासिल करनी है। वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए।

साइकिल चलाकर पहुंचे डॉ. सहारे


एनेस्थेसिया के एचओडी डॉ. केके सहारे ने कहा कि टीका लगवाने के बाद भी मैं साइकिल चलाकर आया हूं। यानी किसी तरह की कोई भी दिक्कत नहीं है। सभी डॉक्टर बिना हिचक के टीका लगवा रहे हैं। क्रिटिकल केयर के प्रमुख डाॅ. ओपी सुंदरानी और कोरोना कोर कमेटी के सदस्य और चेस्ट विभाग के एचओडी डॉ. आरके पंडा ने कहा कि टीका लगवाने के बाद हम ड्यूटी भी कर रहे हैं। पूरे कोरोना काल में छुट्टी भी नहीं ली, इसलिए वैक्सीनेशन और आधा घंटे के आराम के बाद वो काम पर जुट गए।

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