मकर संक्रांति पर रायपुर के अयप्पा मंदिर में पहली बार जलाए गए 1 लाख दीये

संक्षेप:

  • राजधानी के टाटीबंध स्थित अय्यप्पा मंदिर में पहली बार मकर संक्राति पर एक लाख दीया जलाया जाएगा.
  • इसके लिए दीया जलाने के लिए केरल के सबरीमाला मंदिर से विशेष टीम बुलाया जा रहा हैं.
  • जिनके माध्यम से दीया जलाया जाएगा. 

रायपुर: राजधानी के टाटीबंध स्थित अय्यप्पा मंदिर में पहली बार मकर संक्राति पर एक लाख दीया जलाया जाएगा। इसके लिए दीया जलाने के लिए केरल के सबरीमाला मंदिर से विशेष टीम बुलाया जा रहा हैं। जिनके माध्यम से दीया जलाएगा। रही बात यह है कि मंदिर प्रांगण को विशेष रूप सज्ज-सज्जा भी किया जा रहा हैं।
अय्यप्पा मंदिर के संजीत नायर ने बताया कि इस साल मकर संक्राति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा। वहीं मंदिर प्रांगण में एक लाख दीया जलाया जाएगा। मालूम हो कि केरल के अय्यप्पा मंदिर में साल में एक बार दीया जलाया जाता है जो जलाते ही रहते है। वहीं रायपुर शहर की बात करें यह अय्यप्पा मंदिर में मकर संक्रांति का पर्व रूप से मनाया जाता हैं। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट द्वारा विशेष रूप से तैयारी किया जा जाता हैं।

दक्षिण भारत का मुख्य त्योहार पोंगल

मकर संक्रांति का पर्व दक्षिण भारत का मुख्य त्योहार है। जो 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इसके अलावा एक पोंगल का त्योहार है। जो चार दिन मनाया जाता है। यह प्रायः छत्तीसगढ़ में दिवाली मनाने जैसे परंपरा से जुड़ा है। इस त्योहार में पहला दिन भोगी पोंगल, दूसरा दिन सूर्य पोंगल, तीसरा दिन मट्टू पोंगल, चौथा दिन कन्नम पोंगल मनाया जाता है। यह उत्सव को दक्षिण भारत में फसल की कटाई के मौके पर मनाया जाता है। इस दौरान चावल, दूध, घी से बनाने व्यंजन में इसमें प्रमुख होता है। बताया जाता है कि यह पारंपरिक रूप से ये संपन्नाता को समर्पित त्योहार होता है। इसमें समृद्धि लाने के लिए वर्षा, धूप और खेतिहार मवेशियों की आराधना की जाती है।

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मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त

पंड़ित मनोज शुक्ला ने अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी
संक्रांति काल- 7: 21 बजे

पुण्यकाल- 7: 21 से 12:31 बजे तक

महापुण्य काल- 7:21 से 9:03 बजे तक

संक्रांति स्नान- प्रातः काल

मकर संक्रांति का महत्व

पंडितों ने मुताबिक जब शनिदेव और सूर्य से जुड़ा है। जहां सूर्य अपने पुत्र से नाराजगी भूलाकर उनके घर गए थे। इसके बाद इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान, पूजा आदि करना बढ़ जाता है। इस दिन से मलमास खत्म होने के साथ शुभ माह प्रारंभ हो जाता है।

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