जब तक लोगों की आवाज़ नहीं गूंजेगी, व्यवस्था नहीं बदलेगी: राहुल गांधी

संक्षेप:

  • राहुल गांधी ने कि जब तक लोगों की आवाज लोकसभा, विधानसभा मे नहीं गूंजेगी, तब तक व्यवस्था नहीं बदलेगी
  • उन्होंने कहा कि सभी को साथ लिए बिना हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती।
  • राहुल गांधी राज्य में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ कर रहे थे

रायपुर. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को यहां कहा कि जब तक लोगों की आवाज लोकसभा, विधानसभा मे नहीं गूंजेगी, तब तक व्यवस्था नहीं बदलेगी। राहुल गांधी राज्य में पहली बार आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का शुभारंभ कर रहे थे। इस दौरान राहुल ने बिना नाम लिए केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सभी को साथ लिए बिना हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती। भाई को भाई से लड़ाकर देश का फायदा नहीं है। सबको साथ लेकर ही चलना होगा।

राहुल गांधी ने कहा कि देश की हालत, किसानों की समस्या, आत्महत्या, अर्थव्यवस्था की हालत और बेरोजगारी के बारे में सब जानते हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ की सरकार जनता के साथ मिलकर काम कर रही है। यह सरकार लोगों की आवाज सुनती है। विधानसभा में सबकी आवाज सुनाई देती है। सरकार चलाने में आपके विचारों को शामिल किया जा रहा है। तेंदुपत्ता, सुपोषण, जमीन वापसी को लेकर सरकार काम कर रही है। पहले यहां जो हिंसा हुआ करती थी, उसमें कमी आई है।

उन्होंने कहा, `मैं एक बात कहना चाहता हूं बिना हर धर्म, जाति, आदिवासी, दलितों को साथ लिए बिना हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था नहीं चलाई जा सकती। जब तक इस देश को जोड़ेंगे नहीं, यह देश आगे नहीं बढ़ेगा। मैं हर भाषण में कहता हूं कि अर्थव्यवस्था को आदिवासी-किसान चलाते हैं। अगर आप पूरा पैसा कुछ लोगों को दे दोगे, नोटबंदी करोगे, गलत जीएसटी लागू करोगे तो अर्थव्यवस्था नहीं चल सकती है।”

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माड़िया गौड़ सींग पहनाकर राहुल गांधी का स्वागत किया। उन्होंने राहुल गांधी को गोबर से तैयार नेम प्लेट भी गिफ्ट की। राहुल ने बस्तर के आदिवासी कलाकारों के साथ नृत्य भी किया।

छत्तीसगढ़ में पहली बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव ने अब अंतर्राष्ट्रीय महोत्सव का रूप ले लिया है। तीन दिवसीय इस नृत्य महोत्सव में देश के 25 राज्य और केंद्र शासित राज्यों के साथ ही 6 देशों के करीब 1350 से अधिक कलाकार अपनी जनजातीय कला संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे। इसमें बांग्लादेश, श्रीलंका, थाईलैंड, यूगांडा, बेलारूस और मालदीव के कलाकार भी शामिल हो रहे हैं।

 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य रायपुर की अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।