तीन गुना बढ़ा रेलवे प्लेटफार्म टिकट के दाम, प्लेटफार्म में रुकने के लिए 50 रुपये देने होंगे

संक्षेप:

  • राजनांदगांव में प्लेटफार्म टिकट 50 रुपये, डोंगरगढ़ में 30 रुपये तय हुआ।
  • कोराना संक्रमण में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए टिकट में इजाफा हुआ।
  • रेलवे के निजीकरण के खिलाफ खोला मोर्चा।

 

राजनांदगांव । राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में प्रतिदिन औसतन 80 से 90 प्लेटफार्म टिकट की ब्रिकी होती है। जिससे यह अनुमान लगाया जा सकता की कितनी  ज्यादा तादाद में लोग प्लेटफार्म पर आते हैं। इसी के चलते रेलवे ने प्लेटफार्म टिकट के दाम तीन गुणा बढ़ा दिया है। कोरोना संक्रमण के बीच रेलवे ने यात्रियों को जोर का झटका दिया है। प्लेटफार्म टिकट की नई दर लागू हो गई है। अब यात्रियों के परिजनों को प्लेटफार्म में रुकने के लिए 50 रुपये देने होंगे। यानी अगर आप अपने किसी रिश्तेदार को स्टेशन विदा करने जा रहे हैं तो अब आपको पुरानी दर से तीन गुणा अधिक प्लेटफार्म टिकट का दाम चुकाना होगा। 

कम लोग अपने रिश्तेदार को छोड़ने स्टेशन पर आए 

प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ाने का मकसद यह है कि कोरोना के बढ़ते प्रभाव के कारण कम से कम लोग अपने रिश्तेदारों को स्टेशन छोड़ने आएं। राजनांदगांव में प्लेटफार्म टिकट 50 रुपये और डोंगरगढ़ में 30 रुपये तय किया गया है।

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लोकल में सफर, स्पेशल का दे रहे किराया

कोरोना संक्रमण के बीच रेलवे लोकल ट्रेनों को स्पेशल ट्रेनों के नाम से चला रही है। लेकिन यात्रियों को लोकल के बजाय स्पेशल ट्रेन का किराया भुगतान करना पड़ रहा है। ट्रेनों का किराया बढ़ने के बाद यात्रियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने प्लेटफार्म टिकट वृद्धि और किराया वृद्धि का सुर्कलर जारी कर दिया है।

कुल मिलाकर घाटा रेलवे का ही होगा 

कोराना संक्रमण में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए भले ही रेलवे ने टिकट में इजाफा कर दिया है, लेकिन नुकसान रेलवे को ही होगा। क्योंकि प्लेटफार्म टिकट की दर में वृद्धि होने के कारण कई लोग प्लेटफार्म टिकट ही नहीं लेंगे और बिना टिकट के प्लेटफार्म अपने चिरपरिचित को विदा कर निकल जाएंगे। कुल मिलाकर घाटा रेलवे को ही होगा। राजनांदगांव, गोंदिया, डोंगरगढ़, छिंदवाड़ा व इतवारी स्टेशनों के प्लेटफार्म टिकट की दर में बढ़ोत्तरी की गई है।

रेलवे के निजीकरण के खिलाफ खोला मोर्चा

श्रमिक संगठन सीटू ने रेलवे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रेलवे के निजीकरण, ट्रेन किराया, प्लेटफार्म टिकट दर में वृद्धि को लेकर प्रदर्शन किया। सीटू के पदाधिकारियों ने कहा कि केंद्र सरकार धीरे-धीरे सरकारी विभागों का निजीकरण कर रही है। इससे बेरोजगारी में बढ़ोत्तरी होगी। वहीं कार्पोरेट जगत को फायदा होगा। कोरोना महामारी के बीच पहले ही आम जनता को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर, रेलवे ट्रेनों का किराया, प्लेटफार्म टिकट के दर में इजाफा कर दिया है। कोरोना महामारी के चलते लोगों की आर्थिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं है।

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