CM हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना चाहती हैं कि झारखंड के हर बच्चे को क्वालिटी एजुकेशन मिले

संक्षेप:

  • सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन राजनीति को बारीकी से समझती हैं.
  • कल्पना सोरेन ने केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई हुई़ उन्होंने भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग की.
  • शादी होने के बाद सिम्बॉयसीस से एमबीए किया.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के पिता अम्पा मांझी सेना में रहे हैं. पिता आर्मी में थे इसलिए कल्पना को यूपी, नार्थ इस्ट, पंजाब, हरियाणा, बंगाल, ओड़िशा सहित लगभग देश के कई हिस्सों में रहने और मल्टीकल्चर को जानने का मौका मिला. केंद्रीय विद्यालय से पढ़ाई हुई़ उन्होंने भुवनेश्वर से इंजीनियरिंग की. शादी होने के बाद सिम्बॉयसीस से एमबीए किया. फिलहाल फर्स्ट मार्क स्कूल बरियातू की निदेशिका हैं. राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन राजनीति को बारीकी से समझती है़ं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में गठबंधन सरकार को मिले पूर्ण बहुमत से वह खुश है़ं कल्पना झारखंड की जनता को धन्यवाद देती है. यह भी मानती हैं कि उनके पति के कुशल और कौशलपूर्ण नेतृत्व से यह सब संभव हुआ है़ एक-एक कार्यकर्ता व झारखंड की जनता ने साथ दिया़ वह कहतीं हैं : मैंने तो बस एक छोटा सा रोल निभाया है. यह हेमंत सरकार या सोरेन सरकार नहीं, यह जनता की सरकार है. आपकी सरकार है़. झारखंड के प्रमुख अखबार प्रभात खबर के साथ मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती सोरेन ने राजनीतिक-सामाजिक पहलुओं पर बेबाकी से अपनी राय रखी़.

सवाल: हेमंत जी से जुड़ा कोई ऐसा पल, जो आपके दिल को छू जाता हो?

जवाब: दरअसल ये कोई पल नहीं, बल्कि घर पर ही घटी एक घटना थी. तब हम हरमू वाले घर पर थे. रात में मैं किचन में कुछ फ्राई कर रही थी, वो मेरे बगल में ही खड़े थे. हमलोग कुछ बातें कर रहें थे. अचानक से गरम तेल की पूरी कढ़ाई ही मुझे पर पलटने वाली थी़ जिससे मेरा पूरा पेट जल सकता था. उन्होंने कढ़ाही के पूर तेल को अपने हाथों में ले लिया. तब उनका हाथ बुरी तरह से जल गया था. रात भर ट्रीटमेंट चला. घटना बहुत खराब थी , पर मेरे लिए उनका यह केयर देख कर बहुत अच्छा लगा.

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सवाल: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए आप खाना बनाती हैं?

जवाब: हां बनाती तो हूं. पहले तो अंडा भी नहीं खाते थे. वह भी बाबा की तरह पूरी तरह से वेजीटेरियन हैं. पर मैं उन्हें कम से कम अंडा खाने की सलाह देती हूं. शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी है. बेटा नीतिल सोरेन और विश्वजीत सोरेन की खाने की च्वाइश अलग-अलग है. एक वेजीटेरियन है तो दूसरा नॉन वेजीटेरियन. कैम्पेनिंग के दौरान वो लंच नहीं कर पाते थे. तो मुझे खबर आ जाती थी. ठंड का दिन भी चल रहा था, तो उनके लौटने पर गरमा-गरम नास्ता बनाती थी.

सवाल: आगे राजनीति में आने की क्या कोई योजना है?

जवाब: जिम्मेदारी आपके पास कभी भी आ सकती हैं. मैं अपने स्कूल फर्स्ट मार्क से बहुत खूश हूं. आगे कोई भी ऐसी जिम्मेदारी आती है, तो मैं एक मजबूत महिला के रूप में खड़ी हूं. अब स्कूल के लिए कम वक्त मिलेगा. पर मैं तो स्कूल को बहुत एन्जॉय करती हूं. बच्चे बहुत एन्जॉय करते हैं. उनकी खुशी देख कर मुझे बहुत खुशी होती है. वैसे मैं शिक्षाजगत से हूं, मैं स्कूल से हमेशा जुड़ी रहूंगी. उसे मैं खुद से अलग नहीं कर सकती.

सवाल: कौन से काम हैं. जिसकी आप हेमंत सरकार से उम्मीद रखती हैं?

जवाब: कल ही मैं पूरे परिवार के साथ पतरातू गयी, रास्ता बहुत अच्छा लगा, पर आगे पहुंचे खाने के प्लेट का कचड़ा लगा हुआ था. देख कर बहुत बुरा लगा. झारखंड का इतना सुंदर नेचर है, तो उसे मेंटेन करें. लोग घूमने आयेंगे, खाने पीने का सामान लायेंगे ही, छोटी-छोटी चेंज जरूरी है. मैं एजुकेशन लाइन से जुड़ी हूं, तो चाहूंगी कि जो शिक्षा का स्तर है, सारे बच्चों को शिक्षा का माहाैल मिले. एक-एक बच्चा पढ़ पाये. इसके लिए घर परिवार का माहौल भी जरूरी है. आज कल ज्यादातर महिलाएं कामकाजी हैं, लेटनाइट हो जाता है, सुरक्षा और सुविधा मिले. राेजमर्रा की ये छोटी-छोटी हाइजेनिक चीजें, वो चीजें जरूरी. बड़े बड़े काम अपनी जगह है, पर ये बेसिक नीड पूरी हो. बिजली, पानी, सब ट्रैक पर हो. पर जिम्मेदारी सबकी है अकेले एक पर्सन की नहीं.

सवाल: राज्य की जनता को क्या कहना चाहती हैं?

जवाब: हमलोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहना होगा. आप अपनी जिंदगी कैसे जीना चाहते हैं, उसे लेकर आगे आना होगा. पति होने के नाते अब मुझे सर का टाइम नहीं मिलेगा , लेकिन ये अच्छा लगेगा कि लोग जहां उनका इंतजार कर रहे हैं, वहां उनका जाना जरूरी.

सवाल: आप काफी फिट हैं, आप खुद को कैसे मेंटन रखती हैं?

जवाब: मैं आर्मी परिवार से हूं. मेरे पापा अम्पा मांझी आर्मी मैन रहें हैं. बाबा भी अपने उस जमाने में योगा करते थे. उस समय का किया गया योगा उन्हें आज भी एनर्जी देता हैं. इसलिए मैं भी हेल्थ का ध्यान देती हूं. बच्चों काे भी स्पोर्ट में लगा रखा हैं. कल को आपके पास सब है पर अगर आपका शरीर साथ नहीं है तो सबकुछ बेकार हो जाता. ये सिर्फ सांस का खेल है अगर सास नहीं रहता तो यह केवल बॉडी हो जाता हैं. इसलिए अपने शरीर को फिट रखना जरूरी है़.

सवाल: हेमंत सोरेन जी को आप क्या कह कर बुलाते है़ं अपने लिए कोई प्यारा नाम रखा है़ यानी निक नेम़

जवाब: हम एक-दूसरे को नाम लेकर नहीं पुकारते़ बस कहो सुना से वो समझ जाते हैं कि वो मुझसे और मैं उनसे ही बातें कर रही हूं. हमारी शादी को अब 13 वर्ष हो गये हैं. तब से लेकर अब तक यही चल रहा हैं. हमारी अरेंज मैरिज हुई. मैं इन्हें जानती नहीं थी. जिस दिन ये देखने आये उसी दिन इनके बारे में जाना.

साभार: प्रभात खबर

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