रघुवर को हराने के बाद सरयू का धमाकेदार डांस! वायरल हो रहा वीडियो

संक्षेप:

  • सीएम रघुवर दास को चुनाव में पटखनी देने वाले कद्दावर नेता सरयू राय का एक वीडियो वायरल हुआ है.
  • वायरल वीडियो में सरयू राय डांस करते नजर आ रहे हैं.
  • दावा किया जा रहा है कि सरयू राय सीएम रघुवर दास को हराने के बाद खुशी में डांस कर रहे हैं.

रांची: झारखंड चुनाव में बगावती तेवर अख्तियार कर सीएम रघुवर दास को चुनाव में पटखनी देने वाले कद्दावर नेता सरयू राय का एक वीडियो वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में सरयू राय डांस करते नजर आ रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि सरयू राय सीएम रघुवर दास को हराने के बाद खुशी में डांस कर रहे हैं. हालांकि वीडियो के बारे में यह भी दावा किया जा रहा है कि यह सरयू राय का पुराना वीडियो है जो अभी वायरल किया जा रहा है.
सरयू राय अमिताभ बच्चन के फैन माने जाते हैं और वो उन्हीं के गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं. करीब 45 सेकेंड के वीडियो में सरयू राय हिन्दी फिल्म लावारिस के गाने आपका क्या होगा जनाबे आली पर डांस करते दिख रहे हैं.

चारा घाटाले में लालू प्रसाद को जेल भेजने में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व भाजपा नेता सरयू राय ने इसबार अपनी ही पुरानी पार्टी को पटखनी दे दी। झारखंड विधानसभा चुनाव में ऐसा ताना-बाना बुना कि भाजपा ना सिर्फ सत्ता से बाहर हो गई बल्कि अपने मुख्यमंत्री की सीट भी नहीं बचा सकी। भाजपा से टिकट से वंचित किये जाने पर सरयू राय ने रघुबर दास के खिलाफ चुनाव लड़ा और उनको शिकस्त दी। इस तरह देखें तो सरयू राय इस बार के चुनाव में न सिर्फ झारखंड का चुनावी माहौल बदला, बल्कि गेमचेंजर बनकघर उभरे।

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बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले सरयू राय की पहचान शुरू से भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर नेता के रूप में रही। बिहार की राजनीति में वह ना सिर्फ ईमानदार छवि के थे, बल्कि बड़े रणनीतिकारों में भी उनका नाम था। भाजपा ने जब बिहार में चारा घोटाले को लेकर मामला दर्ज कराने की सोची तो सरयू राय भी याचिकाकर्ता बने। कड़ी चुनौतियों का सामना करने से भी वह पीछे नहीं हटते हैं। बिहार में उन्होंने सहकारिता में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी खुलकर बोला था।

झारखंड में भाजपा इस बार उनकी इस छवि को परखने में चूक गई। भाजपा ने उनका टिकट काट दिया। तब रघुबर दास को भी नहीं लगा था कि सरयू राय उनके खिलाफ ही चुनाव मैदान में उतर जाएंगे। लेकिन कदम बढ़ाकर पीछे नहीं हटने वाले श्री राय ने वहां भी मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ ही ताल ठोक दिया। अपने रणनीतिक कौशल से वह भाजपा के खिलाफ इस मैसेज को राज्यभर में पहुंचाने में भी सफल हो गये। विपक्ष ने भी भाजपा के इस फैसले को जनता के बीच भुनाने में कोई चूक नहीं की।

गरीबों के हितैषी के रूप में उनकी पहचान झारखंड सरकार में रहते भी बरकरार थी। गरीबों के सवाल को लेकर वह अपनी सरकार पर भी सवाल उठाने से गुरेज नहीं करते थे। उनकी इस शैली ने रघुबर सरकार से गरीबों को अलग होने नहीं दिया। लेकिन जैसे ही उनके टिकट कटने की बात सामने आई, ईमानदार छवि वाले नेता एकजुट हो गये और उस वर्ग को भी अपने साथ कर लिया, जिसके लिए श्री राय लड़ते रहे। ऐसे लोग यह संदेश देने में सफल हो गये कि रघुबर सरकार ईमानदार लोगों को पचा नहीं पा रही है।

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