बीएचयू में हॉस्टल फीस लेने के विरोध में एलबीएस के छात्रों का हंगामा

संक्षेप:

  • कोरोना काल में हॉस्टल बंद होने के बाद भी फीस लिए जाने का विरोध।
  • विरोध में छात्रों ने प्रशासनिक संरक्षक का किया घेराव।
  • फीस लेने के निर्णय को वापस लेने की मांग।

वाराणसी- काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के लाल बहादुर शास्त्री (एलबीएस) हॉस्टल में कोरोना काल में हॉस्टल बंद होने के बाद भी फीस लिए जाने के विरोध में छात्रों ने गुरुवार को हंगामा मचाया। उनका आरोप था कि जब वह कोरोना काल में हॉस्टल में रहे ही नहीं तो उनसे फीस लेना उचित नहीं है।

हॉस्टल के प्रशासनिक संरक्षक प्रो. अनिल सिंह का घेराव कर छात्रों ने तुरंत फीस लेने के निर्णय को वापस लेने की मांग की। इस दौरान उनकी संरक्षक के साथ नोकझोंक भी हुई। एलबीएस हॉस्टल में पिछले दिनों अभियान चलाकर बड़ी संख्या में अवैध रूप से रहने वाले छात्रों के कमरे का ताला तोड़ा गया।

इसके बाद बीएचयू प्रशासन ने जो फैसला लिया था कि ऐसे छात्र जिन्होंने हॉस्टल खाली नहीं किया और अपना सामान कमरे में रखकर ताला लगाया था। साथ ही उन कमरों की चाबी हॉस्टल प्रशासन के पास भी नहीं थी, ऐसे छात्रों से एक हजार रुपये शुल्क लिया जाएगा।

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जैसे ही छात्रों को इसकी जानकारी हुई तो वह विरोध में उतर आए। शाम करीब छह बजे हॉस्टल के गेट के बाहर छात्रों ने प्रशासनिक संरक्षक का घेराव कर धरना दिया। सूचना पाकर मौके पर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य भी पहुंचे और छात्रों को मनाने का प्रयास किया लेकिन छात्र फीस लिए जाने का निर्णय वापस करने की मांग पर अड़े रहे। छात्रों का कहना था कि जब हॉस्टल बंद रहा तो फिर फीस क्यों ली जा रही है।

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