वाराणसी में जहरीली हवा का खतरा, AQI 389 पर पहुंचा

संक्षेप:

  • बनारस भी स्मॉग की चपेट में
  • AQI में हो रही लगातार बढ़ोतरी
  • बढ़ा बीमारियों का खतरा

वाराणसी: जहरीले हवा का असर बनारस संग पूर्वांचल तक आ पहुंचा है। आलम यह है कि आमजन हैरान परेशान है। अपने स्वास्थ्य के लिए अपने परिजनों के लिए। दिन के बारह बजे तक सूर्य के दीदार इस लिए नहीं हो रहे है क्योकिं धुंध वातावरण में अपनी मौजूदगी बना रखी है। गंगा घाट हो या फिर प्रमुख सड़क आम दिनों की तरह आवाजाही नहीं दिख रहा।

शहर में बार-बार हो रही खुदाई और उससे उड़ती धूल के कारण बनारस भी स्मॉग की चपेट है। यही नहीं पूर्व उत्तर प्रदेश भी इसकी जद में आ गया है। दिल्ली में फैला स्मॉग इसका एक कारण बताया जा रहा। यहां धरती से तीन किमी ऊपर पछुआ तो नीचे उत्तर-पश्चिमी हवा चल रही है। AQI 389 तक पहुंचने के कारण सांस एवं फेफड़े के रोगियों की परेशानी बढ़ने लगी है। एक्सपर्ट डॉ बी आर डी गुप्ता की मानें तो यह स्थिति इस पूरे सप्ताह रहेगी। अगर तेज हवा चलेगी तभी स्मॉग छंटेगा।

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डॉक्टर अशोक राय की माने तो इस धुंध से साँस की बिमारी के साथ ही बच्चों और आम लोगो को भी इन जहरीली हवा से खासा परेशानी हो सकती है। डॉक्टर की माने तो प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर है ऐसे में जब जरूरत हो तभी लोगो को बाहर निकलना चाहिए। जो लोग घर से बाहर निकले तो मास्क का प्रयोग जरूर करे।

ये हो सकती है बिमारी
रक्त : ये कण ब्लड को फ्लो को प्रभावित कर रहे हैं, जिससे थक्का जमने की शिकायत भी आ सकती है।
ब्रेन : जहरीली हवा से स्ट्रोक जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
प्रजनन : इससे महिलाओं में मिसकैरेज की समस्या, समयपूर्व जन्म लेने वाले शिशु और यहां तक कि भ्रूण के विकास में भी समस्या आ सकती है।

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