वाराणसीः महाबोधि मंदिर की दीवारों पर उकेरी कलाकृतियां में जापान भरेगा रंग
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फीकी पड़ी अनोखी और ऐतिहासिक कालकृतियों में जापान रंग भरेगा
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महाबोधि मंदिर में लगभग आठ दशक पुरानी ऐतिहासिक चित्रकृतियों दीवारों पर उकेरी गयी हैं
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1 जुलाई से जापान इन कलाकृतियों को संवारेगा
वाराणसीः भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली सारनाथ स्थित महाबोधि मंदिर में फीकी पड़ी अनोखी और ऐतिहासिक कालकृतियों में जापान रंग भरेगा। बात दे की सारनाथ विश्व भर में बौद्ध धर्मावलंबियों की आस्था से जुड़ा महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और यहाँ स्थित महाबोधि मंदिर में लगभग आठ दशक पुरानी ऐतिहासिक चित्रकृतियों दीवारों पर उकेरी गयी है लेकिन बीतते समय के साथ ही कालकृतियो की चमक फीकी होने लगी है और अब तो दीवारों में दरार बन गई है। लेकिन अब इन कलाकृतियां के अच्छे दिन आ गए है। 1 जुलाई से जापान इन कलाकृतियों को सवारेगा। लगभग एक साल पहले महाबोधि सोसाइटी के अनुरोध पर जापान सरकार के निर्देशन में आई विशेषज्ञों की तीन सदस्यीय टीम ने कलाकृतियों को देखा था ।
महाबोधि बौद्ध मंदिर में भगवान् बुद्ध के पवित्र अस्थि अवशेष को रखने के लिए 1931 में बनकर तैयार तैयार हुआ था । महाबोधि बौद्ध मंदिर की भीतरी दीवारों पर भगवान बुद्ध के जन्म से लेकर परिनिर्वाण तक की विभिन्न मुद्राओं में पेंटिंग द्वारा अनोखी चित्रकारी की गई है। दीवारों में चित्रकारी की रंगत फीकी होने के साथ चप्पड़ छूट रही है जगह-जगह धब्बे बन गए हैं। जापान से आई जांच टीम द्वारा भरोसा दिलाया गया था कि जल्द से जल्द इसके संरक्षण का काम शुरू कर दिया जाएगा। जुलाई माह में छह सदस्यीय टीम आ रही है, जो यहां रहकर कलाकृतियों में रंग भरने का काम करेगी।
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