वाराणसी में नकली कोरोना वैक्सीन का खुलासा, प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का रैपर बदलकर बनाते थे रैपिड कोविड किट

संक्षेप:

  • वाराणसी में एसटीएफ की जांच में सामने आया मामला।
  • कोविड से संबंधित नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन, कोविड टेस्ट किट बनाते थे।
  • नई दिल्ली, बिहार, झारखंड, कोलकाता, असम, त्रिपुरा और पूर्वांचल सहित पश्चिमी के कई जिलों तक फैला नेटवर्क।

वाराणसी- वाराणसी में एसटीएफ की जांच में सामने आया कि पांच आरोपियों ने ऐसा नेटवर्क फैलाया कि नई दिल्ली, बिहार, झारखंड, कोलकाता, असम, त्रिपुरा और पूर्वांचल सहित पश्चिमी के कई जिलों तक कोविड से संबंधित नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन, कोविड टेस्ट किट पहुंच गई।

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का रैपर बदलकर रैपिड कोविड किट बनाते थे। वहीं डिस्टिल वाटर और ग्लूकॉन-डी से कोविड की नकली दवाएं बनाते थे। एसटीएफ एडीजी अमिताभ यश के अनुसार इस धंधे में शामिल छह और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। 

एसटीएफ वाराणसी इकाई के अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के अनुसार फील्ड यूनिट निरीक्षक राघवेंद्र मिश्रा को सूचना मिली कि लंका थाना अंतर्गत नरिया के रोहित नगर कॉलोनी स्थित जटारानी सिंह के मकान में नकली दवा और वैक्सीन बनाई जा रही है।

ये भी पढ़े : युवती ने अश्लील वीडियो चैट कर बनाया एमएमएस, सोशल मीडिया पर वायरल करने की दी धमकी, मांगे 20 हजार रुपये


टीम ने छापा मारा तो तीन कमरे में फैली दवाइयों के रैपर, नकली रैपिड कोविड टेस्ट किट 10800, नकली कोविड वैक्सीन 1600, नकली रेमिडिसिविर इंजेक्शन 1550, सिलिंग मशीन चार, रैपर आदि पैकेजिंग मैटेरियल्स और केमिकल भरी 6000 शीशी और खाली शीशी दो कार्टून बरामद हुई। ड्रग विभाग के सहायक आयुक्त औषधि केजी गुप्ता ने नकली दवाओं की पुष्टि की।

एसटीएफ की पूछताछ में गिरोह के सरगना राकेश थावानी ने बताया कि खाली शीशी में ग्लूकॉन-डी पॉउडर डालकर पैक कर देते थे और उस पर रेमडिसिविर इंजेक्शन का रैपर लगा देते थे। एक शीशी तैयार करने में लगभग 100 रुपये का खर्च आता था, जिसे 3000 रुपये में बेचते थे। खाली शीशी में डिस्टिल वाटर भरकर उस पर कोविड वैक्सीन का रैपर लगा देते थे, इसकी एक शीशी तैयार करने में लगभग 25 रुपये खर्च आता था और इसे 300 रुपये में बेचते थे।

प्रेग्नेंसी टेस्ट किट को कोविड में बदलने का खर्च था 40 रुपये, 500 में थे बेचते  
आरोपियों ने एसटीफ को बताया कि कोविड टेस्ट किट तैयार करने के लिए दिल्ली से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट मंगाते थे। इसे तैयार करने में लगभग 40 रुपये का खर्च आता था, इसे 500 रुपये में बेचते थे। एसटीएफ के एएसपी विनोद कुमार सिंह के अनुसार इंजेक्शन, वैक्सीन और कोविड किट को तैयार करने का काम राकेश थावानी, शमशेर सिंह एवं संदीप शर्मा उर्फ मक्कू का था और इसे बेचने का काम दिल्ली निवासी लक्ष्य जावा, विजय कुमार, यश कुमार आदि का था।

लक्ष्य जावा ने पूछताछ में बताया कि वाराणसी में तैयार नकली इंजेक्शन, वैक्सीन एवं किट को बेचने का काम उसके साथ दिल्ली के ही रहने वाले अरुण शर्मा, अरुण पाटनी, मानसी, रणवीरव, गुरजीत, गुरबाज आदि मिलकर करते थे। काफी मात्रा में नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन, कोविड वैक्सीन, कोविड टेस्ट किट तैयार कर बेची गईं। जिससे करोड़ों रुपये का मुनाफा हुआ है।

गिरोह का सरगना राकेश थावानी नोटबंदी के दौरान जा चुका है जेल
एसटीएफ की तफ्तीश में सामने आया कि गिरोह का सरगना लक्सा थाना अंतर्गत सिद्धगिरी बाग निवासी राकेश थावानी की दशाश्वमेध क्षेत्र में जूता चप्पल की दुकान है और वह किराये के मकान में रहता है। वर्ष 2018 में नोटबंदी के दौरान नोटों को अवैध तरीके से बदलने का काम किया था, जिसमें वह जेल जा चुका है। जमानत पर छूटकर आने के बाद वह जूता चप्पल की दुकान करने लगा। वर्ष 2020 में कोरोना के दौरान उसने मास्क, आदि बेचने का काम शुरू किया।

इसी दौरान कबीरचौरा के रहने वाले राहुल जायसवाल से राकेश का संपर्क हुआ तो दोनों ने कोविड टेस्ट की खरीद बिक्री की। इसी दौरान दिल्ली के रहने वाले लक्ष्य जावा से दोनों ने संपर्क किया और लक्ष्य ने दोनों की मुलाकात दिल्ली निवासी गुरजीत से करवाई। इसके बाद सभी ने योजना के तहत अरुणेश विश्वकर्मा ने लंका, नरिया के रोहित नगर में किराये का मकान लेकर यह काम शुरू कर किया।

नई दिल्ली से मंगाते थे शीशी, अस्सी में बनता था नकली रैपर
राकेश ने एसटीएफ को बताया कि दिल्ली से खाली शीशी मंगवाते थे। कंप्यूटर में एमसीए किए संदीप शर्मा उर्फ मक्कू रैपर डिजाइन करता था। जिसे अस्सीघाट स्थित विद्या प्रिंटिंग प्रेस में छपवाते थे।
  
इस गिरोह में शामिल सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। जीवनरक्षक दवाओं के नाम पर नकली दवाएं बनाकर सेहत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तार पांच आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली हैं। - अमिताभ यश, एडीजी यूपी एसटीएफ

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles