वाराणसी जिला जेल में बंदी की मौत के बाद भड़के कैदियों ने मचाया बवाल

संक्षेप:

  • सुरक्षाकर्मियों से नोंकझोंक के बाद शुरू हुआ बवाल।
  • जेल कर्मियों पर कैदी के इलाज में लापरवाही का आरोप।
  • तोड़फोड़ के बाद कई थानों की पुलिस पहुंची जिला कारागार।

वाराणसी- वाराणसी के चौकाघाट स्थित जिला जेल में शुक्रवार सुबह बंदी की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत होने की खबर से क्षुब्ध बंदियों और कैदियों ने जमकर बवाल किया। जेल में हंगामे की सूचना पर कई थानों की फोर्स पहुंच गई। जेल डीआईजी सहित तमाम बड़े अधिकारी जिला जेल पहुंचे। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। बंदियों द्वारा पथराव की खबर है। जेल अस्पताल के एम्बुलेंस समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की गई है। किसी के घायल होने की सूचना नहीं है।

वाराणसी जिला जेल की चहारदीवारी के भीतर का माहौल अचानक अशांत हो उठा। बताया जा रहा है कि शुक्रवार तड़के बैरक नंबर तीन में रहने वाले बंदी राजेश जायसवाल को दिल का दौरा पड़ा था। 2020 में धोखाधड़ी मामले में चेतगंज थाने से जेल गया था। वह सिगरा क्षेत्र के बड़ी गैबी का रहने वाला था। जेल अस्पताल के डॉक्टरों की सलाह पर बंदी राजेश को इलाज के लिए कबीरचौरा अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।

सुरक्षाकर्मियों के साथ नोकझोंक और दुर्व्यवहार

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राजेश की मौत की सूचना पर जेल के अन्य बंदियों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर कैदी जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। हंगामा कर रहे बंदियों को शांत कराने गए सुरक्षाकर्मियों के साथ नोकझोंक और दुर्व्यवहार के बाद आनन-फानन पगली घंटी बजाई गई।

घंटी की आवाज सुनाई देते ही जेल कर्मियों और जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन कई थानों की फोर्स को जिला जेल भेजा गया। जेल पुलिस के साथ कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तब हालात काबू में आए। इसके चलते दो घंटे तक जिला जेल में अफरा-तफरी की स्थिति रही।

हंगामा कर रहे बंदियों को अलग-अलग बैरकों में शिफ्ट कर उनकी निगहबानी बढ़ा दी गई है। साथ ही कैंट, सारनाथ और शिवपुर थाने को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। जिला जेल में हुए बंदियों के बवाल ने सेंट्रल जेल प्रशासन की नींद उड़ा दी है। अधिकारियों के साथ बी बंदीरक्षक भी अलर्ट मोड में आ गए हैं।

अप्रैल 2016 में हुआ था भारी हंगामा

यह कोई पहला मौका नहीं है जब वाराणसी जिला जेल में बंदियों ने उत्पात मचाया है। इसके पहले भी खाने की गुणवत्ता, कड़ाई कई अन्य मसलों को लेकर बंदियों ने हंगामा काटा है।  वर्ष 2016 के अप्रैल माह में वाराणसी जिला कारागार में साढ़े सात घंटे तक बवाल हुआ था। जेल अधीक्षक को बंदियों ने कब्जे में लिया था। पथराव में कई सिपाही घायल हुए थे। कई वाहनों में आग लगा दी गई थी।

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