पीएम मोदी के जन्मदिन पर ये यूनिक गिफ्ट देना चाहती हैं दिव्यांग आर्टिस्ट पूनम

संक्षेप:

  • काशी की बेटी ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
  • कैनवास पर उकेरी महिलाओं की 648 विभिन्न मुद्राएं
  • पूनम के परिवार वाले काफी खुश

वाराणसी: `कदमों तले आसमान है, ये हौसलों की उड़ान है।` एक हिंदी सीरियल का ये गाना काशी की एक बेटी पर बिल्कुल सटीक बैठता है। जिसने दहेज़ के लोभियों को अपनी कला से जवाब दिया है और अब उनकी नायाब कलाकृति को वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया में जगह मिली है। 

काशी की दिव्यांग आर्टिस्ट पूनम राय ने कैनवास पर 648 महिलाओं का विभिन्न मुद्रा में चेहरा उकेर कर उनका दर्द और उनकी ख़ुशी दुनिया के सामने रखा है।  अब काशी की बेटी इस रिकार्डेड कलाकृति को अपने सांसद और देश के प्रधानमंत्री को तोहफे के रूप में देना चाहती है। इस बाबत काशी की ये बेटी अपनी दरख्वास्त ले के रविन्दरपुरी स्थित प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंची।

दहेज़ लोभियों द्वारा छत से फेंकी गयी और उसके बाद 17 साल बेड पर गुज़ारने के बाद अपने भाई के सहयोग से अपने सपनो को पंख लगा चुकी काशी की दिव्यांग आर्टिस्ट पूनम राय को उनकी नायाब कलाकृति के लिए वर्ल्ड रिकार्ड ऑफ़ इंडिया ने अपने पुरूस्कार से नवाज़ा है। 

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


उन्होंने 17 दिनों में 6 फुट 8 इंच चौड़े और 6 फुट लम्बे कैनवास पर 3 इंच के 648 चेहरे महिलाओं को समर्पित किये हैं।  जिसमे महिलाओं के हर भाव के चेहरे हैं। पूनम राय के घर में रखे इस कैनवास पर बानी सभी कलाकृति अलग अलग महिला के भाव को दर्शाती है। इस पेंटिंग के बारे में पूनम ने बताया कि अपने पैरों को खोने के बाद उसने अपने अंदर के कलाकार को जिंदा किया और पेंटिंग के माध्यम से महिलाओं के अलग अलग भावों को उसने 17 दिनों में इस पेंटिंग को तैयार किया है जिसे वो प्रधान मंत्री को उनके जन्मदिन पर भेंट करना चाहती है क्योंकि इस बार प्रधानमंत्रो अपने जन्मदिन पर काशी में रहेंगे।

इस कलाकृति के बनाने के बाद पूनम के परिवार वाले काफी खुश हैं। भाई नरेश कुमार राय ने बताया कि पूनम ने यह पेंटिंग बनने के लिए रात भर जाग कर भी पेंटिंग को पूरा किया है।  रात में जब हमें पता चले और हम पूछे तो बोलती थी तो कहती थी की इसी में लगे हुए हैं इसे पूरा करना है जल्द से जल्द।  इससे हम बहुत ज़्यादा खुश हैं लेकिन इसका जूनून देखकर लगता है कि यह पूरे विश्व में अपना नाम रौशन करेगी।

वाराणसी की बेटी ने महिला सशक्तिकरण को अपनी पेंटिंग "फेज़ ऑफ़ फेस" जिसने वर्ल्ड रिकार्ड इंडिया में जगह बनाई है उसे प्रधानमंत्री के इस खास मौके पर  उन्हें उपहार स्वरुप देना चाहती है।  वो चाहती है कि महिलाओं का दर्द इस पेंटिंग के माध्यम से उनके पास पहुंचे। 

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles