अतुल राय दुष्कर्म मामले में एएसपी विकास चंद्र निलंबित, बिना जांच रिपोर्ट आगे बढ़ाने में हुई कार्रवाई

संक्षेप:

  • एसआईटी की रिपोर्ट पर शुरू हुई थी विभागीय कार्रवाई।
  • सरकार के खिलाफ बयान देने पर अधिकारियों ने नाराजगी की जाहिर।
  • निलंबित सीओ अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी के बाद कार्रवाई।

वाराणसी- घोसी सांसद अतुल राय और दुष्कर्म पीड़िता प्रकरण में दोषी पुलिसकर्मियों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।  इस मामले में निलंबित सीओ अमरेश सिंह बघेल की गिरफ्तारी के बाद एक और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई हुई। वाराणसी में तैनात रहे तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) विकास चंद्र त्रिपाठी को सरकार ने निलंबित कर दिया है।

विकास पर यह कार्रवाई तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) अमरेश बघेल द्वारा अतुल राय के पक्ष में तैयार की गई रिपोर्ट को बिना जांच के आगे बढ़ाए जाने के मामले में की गई है। पूरे मामले में कुछ अन्य पुलिसकर्मियों के विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है। इधऱ, गिरफ्तार निलंबित सीओ अमरेश सिंह बघेल को बृहस्पतिवार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

पीड़िता व गवाह युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य आरोपों में बुधवार देर रात बघेल के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। सुबह न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋचा शर्मा के समक्ष पेश किया। अदालत के आदेश पर बघेल को जिला जेल चौकाघाट भेज दिया गया।

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सरकार के खिलाफ बयान देने पर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बुधवार रात बघेल को बाराबंकी से हिरासत में लिया था। प्राथमिकी में जिक्र किया गया है कि सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज दुष्कर्म के मामले में दंड से बचाने के लिए लोकसेवक अमरेश सिंह ने अपूर्ण व निराधार अभिलेखों की रचना की।

साथ ही मिथ्या साक्ष्यों के आधार पर मुख्य आरोपी अतुल राय को जांच में लाभ पहुंचाने के आशय से दोषपूर्ण रिपोर्ट तैयार की। इसी से क्षुब्ध होकर दुष्कर्म पीड़िता व गवाह ने आत्मदाह कर लिया। पीड़िता की ओर से सोशल मीडिया पर भी अमरेश को दोषी बताया गया था।

मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने बघेल को गिरप्तार कर लिया। बघेल इसी मामले में 9 महीने से निलंबित चल रहे हैं। बुधवार को प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट में हाजिर होकर वाराणसी के भेलूपूर सर्किल के तत्कालीन इंचार्ज बघेल ने अतुल राय के पक्ष में बयान दे दिया था। कोर्ट में सरकार के खिलाफ बयान देने पर शीर्ष स्तर पर अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की थी।

एसआईटी की रिपोर्ट पर शुरू हुई थी विभागीय कार्रवाई
अतुल राय पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता और गवाह युवक ने 16 अगस्त को नई दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह कर लिया था। पीड़िता और उसके साथी गवाह युवक ने वाराणसी के तत्कालीन पुलिस अधिकारियों और न्यायाधीश पर गंभीर आरोप लगाते हुए फेसबुक लाइव भी किया था।

मामले की जांच के लिए डीजी भर्ती बोर्ड राज कुमार विश्वकर्मा की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक विकास चंद्र त्रिपाठी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी किए गए थे।

बुधवार को बघेल के न्यायालय में हाजिर होकर दिए गए बयान के बाद इस मामले ने दोबारा तूल पकड़ लिया। इसके बाद मुकदमा दर्ज कर बघेल को गिरफ्तार कर लिया गया और विकास चंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया। 

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