‘बेटी संसद’ में बेटियों ने की जन्म,शिक्षा,सुरक्षा और सम्मान पर चर्चा

संक्षेप:

  • 22 बेटियों में 11 छात्राओं का चयन बेटी दूत के रूप में हुआ
  • बेटी संसद सामाजिक संस्था आगमन ने तैयार की
  • ग्लोरियस एकेडमी में बेटी पंचायत का आयोजन हुआ

बेटियां अब अपने जन्म,सम्मान और अधिकार के आवाज को न केवल खुद बुलंद करेंगी बल्कि उसको पाने के लिए खुद ही रास्ते भी तलाशेंगी और ये सब संभव होगा बेटी संसद द्वारा,बेटी संसद की पूरी मसौदा वर्षो से बेटी बचाने में लगी सामाजिक संस्था आगमन ने तैयार की है। जिसके तहत अलग अलग विद्यालय और महाविद्यालय में तीन चरणों में आयोजित होने के क्रम में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के पूर्व संध्या पर लंका स्थित ग्लोरियस एकेडमी में बेटी पंचायत का आयोजन हुआ। जहां 22 बेटियों में 11 छात्राओं का चयन बेटी दूत के रूप में हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के तरफ से शिवम तिवारी, एस एस पांडेय और शुभ्रा उकील ने 11 बेटी प्रतिनिधियों का चयन किया।  बेटी प्रतिनिधि में स्वाति पाठक,नर्मता ओझा,कुमकुम,काजल सेठ,पल्ल्वी सिंह,अर्पिता पांडेय, आस्था पांडेय, शाम्भवी तिवारी, कीर्ति राज पांडेय, रिचा मिश्रा और सौम्या सिंह शामिल है।  कार्यक्रम में संस्था की ओर से संस्थापक सचिव डॉ संतोष ओझा, हरिकृष्ण प्रेमी, रजनीश सेठ, आलोक पांडेय, जादूगर किरण और जादूगर जीतेन्द्र शामिल रहे।    
 

क्या है बेटी पंचायत

ये वो जगह होगी जहां बेटियों द्वारा अपने अधिकार और सम्मान के लिए आवाज उठेगी। बेटियों की घटती जनसंख्या और बढ़ती समस्या के समाधान के लिए बेटियों द्वारा आवाज बुंलद करने और समस्याओं को सरकार एवं शासन को अवगत कराने के साथ ही समाधान के कदम उठाने की भी मांग करेगी। बेटी संसद में बेटी के जन्म लेने के अधिकार ( कन्या भ्रूण ह्त्या रोकने ) के साथ ही सामाजिक सुरक्षा और आत्मनिर्भर बनाने पर ओपन डिस्कशन के माध्यम से गहन चर्चा होने के साथ उससे निपटने के लिए रणनीति तैयार की जाएगी।

बेटी संसद का गठन

संस्था वाराणसी  के 11 बालिका विद्यालयोऔर महाविद्यालयों  में कन्या भ्रूण ह्त्या, महिला सम्मान,शिक्षा और सुरक्षा जैसी सामाजिक कुरीतियों पर खुली चर्चा कराएगी। सम्मानित पांच सदस्यीय टीम द्वारा चर्चा में प्रभावी ठंग से अपनी बात रखने वाली 11 छात्राओं का बेटी प्रतिनिधि के रूप में चयन करेंगी।
11 विद्यालयों से चुनी 121 प्रतिनिधियों में एक बार फिर खुली बहस होगी जिसमें 21 बेटियों को बेटी सांसद के रूप में चयन किया जाएगा।

बेटी संसद क्यों.....?

देश में बेटियों और महिलाओं पर बढ़ते अपराध और देश में लगातार घटती बेटियों की संख्या जैसी समस्या से देश को उभारने के लिए आगमन सामाजिक संस्था में बेटी संसद का गठन कर रहा है। संस्था लगातार 2001 से कन्या भ्रूण ह्त्या के खिलाफ अभियान चला रही है और अब संस्था कन्या भ्रूण ह्त्या के साथ ही महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर भी गंभीर चर्चा और कार्य करने के लिए पहल शुरू की हैं।

ये भी पढ़े : सारे विश्व में शुद्धता के संस्कार, सकारात्मक सोच और धर्म के रास्ते पर चलने की आवश्यकता: भैय्याजी जोशी


If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles