छात्रों के प्रदर्शन से इतिहास में पहली बार 24 घंटे बंद रहा बीएचयू का सिंह द्वार

संक्षेप:

  • 24 घंटो से बंद है बीएचयू का सिंह द्वार
  • बीएचयू में छात्रों का प्रदर्शन
  • विश्वविद्यालय खोलने कि कर रहे हैं मांग

वाराणसी- बीएचयू के इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि विश्वविद्यालय का  सिंह द्वार 24 घंटे तक बंद कर दिया गया हो। 11 महीने बाद एशिया के सबसे बड़े आवासीय विश्वविद्यालय बीएचयू के दरवाजे अंतिम वर्ष के छात्रों के पढ़ने के लिए खोल दिया गया है। लेकिन इससे नाराज होकर पहले और दूसरे वर्ष के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए बीएचयू का मेन गेट बंद करा दिया और वहीं धरना शुरू कर दिया। देर रात गेट पर बैठे छात्रों ने दोनों छोटे गेट भी बंद कर दिए।

जिसकी वजह से सुबह जागिंग करने वाले लोगों का काफी परेशानी हुईं। हालांकि छात्रों ने एंबुलेंस की आवाजाही करने दी ताकि मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कतें न हो। दरअसल छात्र लगातार विश्वविद्यालय खोलने की मांग कर रहे हैं। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को ये भी चेतावनी दी है कि अगर बीएचयू सभी के लिए नही खोला गया तो यह आंदोलन और तेज हो जायेगा।

सोमवार सुबह 10 बजे से ही पहले और दूसरे वर्ष के छात्र अपनी मांगों को लेकर बीएचयू के मुख्य द्वार को रोककर धरने पर बैठे हैं। बीएचयू सिंह द्वार बंद होने से बच्चों और मरीजों को थोड़ी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा। सोमवार सुबह सिंह द्वार के किनारे के दोनों छोटे गेट खुले थे, वे भी बाद में छात्रों ने बंद कर दिए।

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हालांकि, कुछ छात्रों ने जरूर मदद की मगर पूरे दिन लोगों परेंशान रहे। इसी दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने छात्रों को समझाने की कोशिश की,  लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़ें हैं और कहा कि जब तक उनकी क्लासेस शुरू नहीं होंगी, तब तक वह ऐसे हीं मेन गेट को घेरकर धरना जारी रखेंगे।

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