प्री-फैब्रिकेशन तकनीक से बनेगा वाराणसी का ये कैंसर सेंटर

संक्षेप:

  • प्री-फैब्रिकेशन तकनीक से बनाया जाएगा भवन
  • कैंसर के इलाज की हरसंभव व्यवस्था भी रहेगी
  • एक साल में सेंटर को शुरू करने की चुनौती ही इसकी बिल्डिंग की विशेषता

अब बहुत जल्द बीएचयू में प्रस्तावित पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर देश का अपनी तरह का ऐसा अकेला हॉस्पिटल बनने जा रहा है। जिसका भवन प्री-फैब्रिकेशन तकनीक से बनाया जाएगा। इतना ही नहीं यहां पर कैंसर के इलाज की हरसंभव व्यवस्था भी रहेगी। एक साल में सेंटर को शुरू करने की चुनौती ही इसकी बिल्डिंग को विशेषता दे रही है। कैंसर सेंटर की बिल्डिंग `प्री-फैब्रिकेशन तकनीक पर आधारित होने से कम समय में निर्माण संभव होगा। आपको बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को तय समय सीमा में तैयार करने के लिए इंजीनियर्स इसी तकनीक का इस्तेमाल करेंगे और इसे पूरा करेंगे।

ये है प्री फैब्रिकेटेड बिल्डिंग
प्री-फैब्रिकेटेड बिल्डिंग के अधिकतर भाग को पहले ही फैक्ट्रियों में तैयार कर लिया जाता है, जिसे कंस्ट्रक्शन साइट पर लाकर असेंबल करते हैं। बिल्डिंग की दीवार, छत सभी चीजें जरूरत के हिसाब से सीमेंट व फाइबर आदि चीजों से बनी होती हैं। इस तरह की बिल्डिंग के निर्माण में कम समय लगता है। बीएचयू में कैंसर सेंटर का आवासीय व बाउंड्री का काम जोरों पर चल रहा है। मुख्य भवन का काम जल्द शुरू होने वाला है। इसे लेकर जनवरी में टीम दौरा करेगी। 

गौर हो की पीएम मोदी ने पिछले साल 22 दिसंबर को स्वतंत्रता भवन से करीब 600 करोड़ की लागत से बनने वाले इस कैंसर सेंटर का शिलान्यास किया था। इसे एक वर्ष में पूर्ण करने का लक्ष्य है। CPWD की ओर से बाउंड्री और मुख्य द्वार बनाने का कार्य तेजी पर है। इसी के जिम्मे आवासीय परिसर का निर्माण भी है। 

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आपको बताते चलें की  मुख्य परिसर को लेकर अधिकारी गंभीर हैं। चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. वीके शुक्ला ने बताया कि कैंसर सेंटर प्रोजेक्ट की मानीटरिंग पीएमओ से हो रही है। अगले साल तक हॉस्पिटल तैयार करना है। इसे देखते हुए निर्माण की जिम्मेदारी टाटा ट्रस्ट ने खुद संभाल ली है। 

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