संपत्ति विवाद में देवर ने ली भाभी की जान, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार

संक्षेप:

  • संपत्ति विवाद में देवर ने भाभी की हत्या की
  • भाभी पेशे से थी डॉक्टर
  • हत्या के बाद खुद थाने पहुंचा आरोपी देवर

वाराणसी- वाराणसी में बुधवार की दोपहर देवर ने महिला चिकित्सक भाभी की सिर में हथौड़ा मारकर हत्या कर दी। घटना से इलाके में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है। हत्या करने वाले देवर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। साथ ही पुलिस ने बताया कि नौकर की भी भूमिका संदिग्ध दिख रही है। वारदात के बाद से वह फरार है, जिसकी तलाश जारी है।

मामला सिगरा थाना क्षेत्र के चंद्रिका नगर कॉलोनी का है। दत्ता डाइगोनोस्टिक सेंटर चलाने वाली डॉ. सपना गुप्ता दत्ता की देवर अनिल कुमार दत्ता ने हत्या कर दी। हथौड़े से इतना जोरदार प्रहार किया कि सिर फट गया। पूरा फर्श पर खून फैल गया और कमरे की दीवारों में खून के छींटे लग गए।

मौके पर एसीपी चेतगंज और सिगरा थाना प्रभारी पुलिस बल के साथ पहुंच गए। पुलिस ने बताया कि संपत्ति विवाद में देवर ने भाभी की हत्या की है। कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. रजनीकांत के पांच पुत्रों में डॉ. अश्विनी कुमार दत्ता, डॉ. अंजनी कुमार दत्ता, अनिल कुमार दत्ता, डॉ. आशीष कुमार दत्ता व अमित कुमार दत्ता हैं।

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तीसरे नंबर के पुत्र आरोपी अनिल का तीन मेडिकल स्टोर है। घरेलू कलह को लेकर अनिल संत रघुवरनगर कालोनी का मकान छोड़कर विश्वनाथ गली में रहने लगा था, जबकि अंजनी और छोटे भाई अमित कालोनी स्थित मकान में रहते थे। जबकि बडे़ पुत्र डॉ. अश्विनी की 16 अप्रैल को कोरोना से मौत हो गई थी। घटना के बाद से सपना की दो पुत्रियों और पति डॉ. अंजनी दत्ता बेसुध रहे। डॉ. अंजनी दत्ता की तहरीर पर सिगरा पुलिस ने भाई अनिल दत्ता और उसके कर्मचारी रौशन के

डॉ. सपना दत्ता गुप्ता की हत्या की असल वजह ससुर डॉ. रजनीकांत दत्ता की छह करोड़ की संपत्ति और काशी विद्यापीठ स्थित एक बैंक में 80 लाख की एफडी है। इसी संपत्ति पर हक को लेकर डॉ. सपना और देवर अनिल सहित तीन अन्य भाइयों से विवाद चल रहा था। वारदात से दो दिन पूर्व भाभी और देवर के बीच मारपीट भी हुई थी और दोनों तरफ से सिगरा थाने में तहरीर भी पड़ी थी।

पिछले 20 जून को भी परिवार में मारपीट का माहौल उपजा था। माना जा रहा है कि सिगरा पुलिस की लचर कार्यशैली और लापरवाहियों के चलते मारपीट की घटना हत्या में बदल गई। देवर अनिल हत्या की नियत से ही हथौड़ी लेकर अपने कर्मचारी रौशन के साथ पहुंचा था। परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना से दो दिन पूर्व अनहोनी की आशंका व्यक्त करते हुए सिगरा पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई गई थी लेकिन, पुलिस ने अनसुनी कर दी। 

कांग्रेस के पूर्व विधायक डॉ. रजनीकांत के पांच पुत्रों में डॉ. अश्विनी कुमार दत्ता, डॉ. अंजनी कुमार दत्ता, अनिल कुमार दत्ता, डॉ. आशीष कुमार दत्ता व अमित कुमार दत्ता हैं। तीसरे नंबर के पुत्र आरोपी अनिल का तीन मेडिकल स्टोर है। घरेलू कलह को लेकर अनिल संत रघुवरनगर कालोनी का मकान छोड़कर विश्वनाथ गली में रहने लगा था, जबकि अंजनी और छोटे भाई अमित कालोनी स्थित मकान में रहते थे। जबकि बडे़ पुत्र डॉ. अश्विनी की 16 अप्रैल को कोरोना से मौत हो गई थी।

मां की खून से सने शरीर को देख दोनों बेटियां काफी मर्माहत रहीं। आंखों से सिर्फ आंसू ही बह रहे थे। वहीं पति डॉ. अंजनी के साथ ही ससुर डॉ. रजनीकांत भी मौन और बेसुध रहे। पड़ोस के रहने वालों के मुंह से यही निकलता रहा कि आखिर संपत्ति को लेकर कोई इतना कैसे निर्दयी हो सकता है। 

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