वाराणसी: वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार नामवर सिंह का निधन

संक्षेप:

  • वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार नामवर सिंह का निधन
  • हिन्दी के अलावा उर्दू, बाङ्ला और संस्कृत भाषा का ज्ञान
  • प्रमुख हिन्दी पत्रिकाएँ नागार्जुन, रचनावली, कार्ल मार्क्स,आदि 

वाराणसी: हिंदी के वरिष्ठ साहित्यकार नामवर सिंह का 92 साल की उम्र में मंगलवार की देर रात निधन हो गया. जनवरी के महीने में एक बार उन्हें ट्रॉमा आ चुका है तब उन्हें एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. उनका इलाज कर रहे चिकित्सकों की रिपोर्ट के अनुसार उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ था. लेकिन, वो खतरे से बाहर आ गए थे, उनकी हालत में सुधार भी हो रहा था. मंगलवार की रात उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली. नामवर सिंह का जन्म 28 जुलाई 1926  को बनारस (वर्तमान में चंदौली ज़िला) के एक गांव जीयनपुर में हुआ था.

उन्होंने हिंदी साहित्य से एम.ए. व पी.एच.डी. करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन किया. इन्होंने राजनीति भी की. साल 1959 में चकिया-चंदौली लोकसभा सीट से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रूप में चुनाव लड़े पर असफल होने के कारण छोड़ना पड़ा.

उन्हें हिन्दी के अलावा उर्दू, बाङ्ला और संस्कृत भाषा भी आती थी. उन्होंने हिन्दी आलोचना को नयी पहचान दिलाई.

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नामवर सिंह की कुछ प्रमुख आलोचना:

  • छायावाद
  • इतिहास और आलोचना
  • कहानी: नयी कहानी

उसके अलावा उन्होंने हिन्दी पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया जैसे- नागार्जुन, रामचन्द्र शुक्ला, रचनावली, कार्ल मार्क्स,आदि 

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