वाराणसी में बारिश का कहर, गंगा में समा गए 84 घाट

संक्षेप:

  • प्रदेश में लगातार हो रही बारिश
  • जन जीवन हुआ अस्त-व्यस्त
  • गंगा के आगोश में समा गए काशी के 84 घाट

वाराणसी: यूपी में लगातार हो रही भारी बारिश से जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भोलेनाथ की नगरी काशी का भी यही हाल है। गंगा का पानी लोगों के घरों तक पहुंच चुका है। बारिश की वजह से हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं। ऐसे में गंगा नदी भी तेजी से कदमों को धर्म नगरी में फैलाने में लगी है।

हालात यह हैं कि गंगा तेजी से सीढ़ियों को पार करते हुए घाटों तक पहुंच चुकी है और अब घाटों से ऊपर चढ़कर सड़क तक पहुंचने के लिए बेताब है। लगातार गंगा में बढ़ रहे पानी की वजह से जहां काशी के 84 घाटों की लंबी श्रृंखला जलमग्न हो चुकी है, वहीं कई मंदिर और दुकानें इसकी जद में आ गई हैं। गंगा के तेजी से बढ़ रहे क़दमों की वजह से शहरी आबादी के साथ ग्रामीण इलाके के लोग भी सहमे हुए हैं, जिसकी वजह से प्रशासन ने कमर कस ली है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से यहां मौजूद एनडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है और गंगा में अपनी स्पेशल बोट के जरिए लगातार गश्त कर फ्लड की निगरानी की जा रही है।

प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र होने की वजह से बनारस में 11 एनडीआरएफ की तैनाती परमानेंट कर दी गई है। लंबी चौड़ी टीम की मौजूदगी के बीच एनडीआरएफ किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए हर पल तैयार है और ऐसी ही तैयारी उन्होंने वाराणसी में गंगा में आए उफान के बाद की है।

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इस वक्त गंगा में बढ़ रहे जल स्तर की वजह से खतरा इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि इस वक्त सावन का महीना चल रहा है और काशी में हर रोज हजारों की तादाद में लोगों का आना हो रहा है। हर सैलानी काशी आने के बाद गंगा दर्शन करने या फिर स्नान करने जरूर पहुंच रहा है। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि गंगा घाट पर पहुंचने वाले हर सैलानी का पूरा ध्यान रखा जाए, जिसके लिए एनडीआरएफ ने फूलप्रूफ प्लान तैयार किया है।

इस बारे में एनडीआरएफ की टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर नितिन कुमार ने बताया कि बीते 4 से 5 दिनों में लगातार गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। 4 दिनों में लगभग साढ़े चार से 5 सेंटीमीटर गंगा का जलस्तर बढ़ा है, जिसकी वजह से गंगा किनारे के सभी घाट पूरी तरह से डूब चुके हैं और गंगा तेजी से ऊपर बढ़ती ही जा रही है। गंगा में हो रहा बढ़ाव इसलिए भी ज्यादा खतरनाक है क्योंकि केंद्रीय जल आयोग की तरफ से वाराणसी में गंगा को लेकर खतरे का निशान 71.26 मीटर निर्धारित है, जबकि वर्तमान समय में गंगा 65.70 मीटर पर बह रही है। यानी गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग साढ़े पांच मीटर की दूरी पर है, जिसकी वजह से एनडीआरएफ ने गंगा में प्रॉपर गश्त शुरू कर दी है। 

 

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हर टीम के साथ एक ट्रेंड गोताखोर
इंस्पेक्टर नितिन ने बताया कि गश्त के लिए तीन टीमों को लगाया गया है, जो 24 घंटे गंगा के तटवर्ती इलाकों में गश्त करते हुए चीजों की निगरानी कर रही हैं। वही गंगा के साथ बढ़ रही वरुणा नदी के शहरी इलाके में पहुंचने को लेकर बाढ़ की स्थिति भयावह होने की कंडीशन में 5 टीमों को हेड क्वार्टर पर रिजर्व रखा गया है। इसके अलावा जो तीन टीमें गंगा में लगातार गश्त कर रही हैं, उनके साथ एक-एक ट्रेंड गोताखोर लगाए गए हैं। यह गोताखोर ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य जरूरी चीजों के साथ लगातार मुस्तैद हैं और किसी भी अप्रिय घटना या किसी के डूबने की सूचना पर तत्काल एक्शन में आ रहे हैं। शायद यही वजह है कि एनडीआरएफ की टीम गंगा किनारे मुस्तैदी दिखाते हुए अब तक कई लोगों को बचा भी चुकी है।

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