ठुमरी मल्लिका गिरिजा देवी का यह सपना रह गया अधूरा ?
- Wednesday | 25th October, 2017
- entertainment
- मंगलवार रात कोलकाता में अंतिम सांस ली
- बनारस में संगीत अकादमी की कर रही थीं मांग
- संगीत अकादमी बनाने के मांगी थी ज़मीन
वाराणसी। काशी उनके दिल में बसती थी और वह चाहती थी कि यहां ऐसा संगीत का केंद्र बने जहां वह अंतिम समय तक शास्त्रीय संगीत की शिक्षा देती रहें लेकिन ठुमरी की मल्लिका पद्मभूषण गिरिजा देवी की यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई ।
बनारस घराने की मजबूत स्तंभ गिरिजा देवी ने मंगलवार रात कोलकाता में अंतिम सांस ली। वह कोलकाता में आईटीसी म्युजिक रिसर्च अकादमी में फैकल्टी सदस्य थीं। उन्होंने कुछ साल पहले दिये इंटरव्यू में कहा था कि अगर बनारस में संगीत अकादमी होती तो उन्हें शिव की नगरी छोड़कर जाना ही नहीं पड़ता।
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50 वर्षों तक नहीं मिली अकादमी के लिए जमीन
अप्पा ने कहा था, वह पिछले 50 साल से बनारस में संगीत अकादमी बनाने के लिये जमीन देने का अनुरोध कर रही हैं लेकिन किसी ने भी उनकी नहीं सुनी। उनकी ख्वाहिश थी कि संगीत को बेहतरीन नगीने देने वाले इस शहर में विश्व स्तरीय अकादमी हो जहां बनारसी संगीत को पीढ़ी दर पीढ़ी सौंपा जा सके।
काशी छोड़कर क्यों गयीं कोलकाता
इंटरव्यू में अप्पा ने कहा था कि अगर बनारस में ऐसी अकादमी होती तो वह कोलकाता क्यों जाती ? मशहूर शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा ने भी कहा कि उनके जीवित रहते उनकी यह इच्छा जरुर पूरी होनी चाहिये थी । उन्होंने कहा , गिरिजा देवी का बनारस से घनिष्ठ नाता था और कोलकाता में रहते हुए भी उनका मन यहीं बसा था।
बनारस को वाकई ऐसी अकादमी की जरुरत है ताकि यहां का संगीत जीवित रहे। छात्र यहां रहकर बनारसी संगीत को समझे और महसूस करें । बनारस हिंदू विश्वविदयालय में शास्त्रीय संगीत की प्रफेसर डॉ. रेवती साकलकर ने कहा कि गिरिजा के बिना काशी सूनी हो गई है। अप्पाजी से ठुमरी, दादरा, कजरी सीखने वाली साकलकर ने कहा, सभी कलाकार ऐसा महसूस कर रहे हैं मानो कोई सुर लगाना चाह रहे हैं और लग ही नहीं रहा। वह बनारस की ही नहीं बल्कि भारत की आन , बान और शान थीं।
बनारस ने संगीत को बिस्मिल्लाह खान, बिरजू महाराज और गिरिजा देवी जैसे अनमोल नगीने दिये हैं। संगीत के इस गढ़ में ऐसी अकादमी होनी चाहिये कि यहां के संगीत की अलग अलग शैलियां पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रहे। वहीं मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खान की दत्तक पुत्री और शास्त्रीय गायिका सोमा घोष ने भी कहा कि अप्पाजी के रहते ऐसी अकादमी बन जानी चाहिये थी।
अगर समय रहते यहां संगीत अकादमी बन गई होती तो वह कोलकाता कभी जाती ही नहीं। घोष ने कहा, बनारस में संगीत के लिये कुछ नहीं बचा। कहां गई गुरु शिष्य परंपरा ? संगीत सीखने के इच्छुक बनारस के बच्चे आज दर दर भटक रहे हैं। बड़े कलाकार असुरक्षा में जी रहे हैं क्योंकि उन्हें कोई भविष्य नहीं दिखता। वाराणसी में संगीत अकादमी और संग्रहालय बनाने की मांग बरसों से की जा रही है । इसके अभाव में ना तो कलाकारों की धरोहरें सुरक्षित हैं और ना ही उनकी विरासत को अगली पीढ़ी के सुपुर्द करने का कोई मंच है । पिछले दिनों बिस्मिल्लाह खान के घर से उनकी अनमोल शहनाइयां चोरी होना इसका जीवंत उदाहरण है।
नामचीन हस्तियों ने ट्वीट कर जताया शोक
बनारस घराने की बेटी गिरिजा देवी `अप्पा` के निधन पर हर किसी ने शोक जताया है। ट्वीटर से लेकर फेसबुक तक अप्पा की मौत का शोक रहा। एक आम इंसान से लेकर नामचीन हस्तियों तक हर किसी को अप्पा की मौत ने स्तब्ध कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गिरिजा देवी की मौत पर दो ट्वीट करके शोक व्यक्त किया। पीएम ने लिखा कि गिरिजा देवी की मौत का उन्हें दुख है। भारतीय शास्त्रीय संगीत ने एक बहुत ही मधुर आवाज खो दी। मेरी संवेदनाएं उनके प्रशंसकों के साथ हैं। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि गिरिजा देवी के संगीत ने हर पीढ़ी को आकर्षित किया। भारतीय शास्त्री संगीत को प्रसिद्ध करने के लिए उनके प्रयासों को हमेशा याद रखा जाएगा।
Girija Devi ji`s music appealed across generations. Her pioneering efforts to popularise Indian classical music will always be remembered.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 24, 2017
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया कि यश भारती गिरिजा देवी जी के निध से संगीत की दुनिया के एक युग का अवसाना। जननी मैं न जिऊं बिन राम के लिए हमेशा की जाएंगी याद। श्रद्धांजलि
यश भारती गिरिजा देवी जी के निधन से संगीत की दुनिया के एक युग का अवसान! `जननी मैं न जिऊँ बिन राम` के लिए हमेशा की जाएँगी याद! श्रद्धांजलि ! pic.twitter.com/YCBQn4QoJK
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 25, 2017
यश भारती गिरिजा देवी जी के निधन से संगीत की दुनिया के एक युग का अवसान! `जननी मैं न जिऊँ बिन राम` के लिए हमेशा की जाएँगी याद! श्रद्धांजलि !
लता मंगेश्कर ने गिरिजा देवी के साथ उनका एक बहुत पुराना फोटो ट्वीट किया और लिखा कि महान शास्त्रीय और ठुमरी गायिका गिरिजा देवी जी हमारे बीच नहीं रहीं ये सुनके मुझे बहुत दुख हुआ। हमारे उनके बहुत अच्छे संबध थे। गिरिजा देवी जी बहुत अच्छी महिला थीं। मैं उनको श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।
Mahan shastriya aur thumri gayika Girija Devi ji hamare bich nahi rahi ye sunke mujhe bahut dukh hua.Hamare unke bahut acche sambandh the. pic.twitter.com/QhrLH5mW2q
— Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) October 24, 2017
जावेद अख्तर ने गिरिजा देवी की मौत पर शोक पर पांच ट्वीट किए। लिखा कि गिरिजा देवी एक महान शास्त्रीय गायक ही नहीं थीं बल्कि वह देश के लिए बहुमूल्य थीं। उनकी मौत ने हम सबको गरीब कर दिया। दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा कि गिरिजा देवी की मौत से एक युग का अंत हो गया। अब ऐसे लोग नहीं मिलेंगे। गिरिजा देवी मेरा आपको सलाम।
Girija Devi was not only a great classical singer but a national treasure too . We are poorer without her . Girija ji , AAP Ko mera salaam .
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) October 24, 2017
संगीत निर्देशक शंकर महादेवन ने ट्वीट किया कि एक युग का अंत हो गया। हम सबकी प्रिय गिरिजा देवी अब दूसरे आयामों को पानें निकल गईं। उनका आवाज हमेशा जिंदा रहेगी।
An era has come to an end .. our dearest Girija devi ji has moved on to the next dimension ... her voice will live on this planet forever ! pic.twitter.com/uaMLtRZaUa
— Shankar Mahadevan (@Shankar_Live) October 24, 2017
मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन ने ट्वीट किया कि गिरिजा देवी हम सबकी प्यारी अप्पा थीं। काशी की आवाज हम सबको छोड़कर चली गई। गंगा रो रही है।
I had the honor of playing tanpura for the grt Girija Appa, what a blessing
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