UP के कई विश्वविद्यालय में कहीं हिंदू पढ़ा रहे हैं उर्दू तो कहीं मुसलमान पढ़ा रहे हैं हिंदी-संस्कृत

संक्षेप:

  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में संस्कृत पढ़ाने के लिए मुस्लिम प्रफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर विवाद.
  • इस संबंध में कई बड़े विश्वविद्यालयों में पड़ताल की गई तो गंगा-जमुनी तहजीब का रंग और गाढ़ा दिखा.
  • कई यूनिवर्सिटीज में मुस्लिम शिक्षक संस्कृत पढ़ा रहे हैं, जबकि हिंदू शिक्षक उर्दू की क्लास ले रहे हैं. 

बनारस: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में संस्कृत पढ़ाने के लिए मुस्लिम प्रफेसर फिरोज खान की नियुक्ति पर विवाद के बाद अब देशभर में भाषा और धर्म पर बहस छिड़ गई है। इस संबंध में कई बड़े विश्वविद्यालयों में पड़ताल की गई तो गंगा-जमुनी तहजीब का रंग और गाढ़ा दिखा। कई यूनिवर्सिटीज में मुस्लिम शिक्षक संस्कृत पढ़ा रहे हैं, जबकि हिंदू शिक्षक उर्दू की क्लास ले रहे हैं।

बीएचयू, जहां से यह विवाद उठा, वहीं के उर्दू विभाग में डॉ. ऋषि शर्मा उर्दू पढ़ाते हैं। इस पर आज तक कोई विवाद नहीं हुआ। काशी विद्यापीठ की संस्कृत की शिक्षिका डॉ. नाहिद आबिदी को 2014 में पद्मश्री से नवाया गया था। संस्कृत का मौजूदा पाठ्यक्रम तय करने में वह बड़ी भूमिका निभा रही हैं।

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

ये भी पढ़े : राम दरबार: 350 मुस्लिमों की आंखों में गरिमयी आंसू और जुबां पर श्री राम का नाम


बीएचयू में उर्दू के टीचर ऋषि कुमार शर्मा ने बताया कि वह पिछले 11 साल से उर्दू पढ़ा रहे हैं। बीएचयू में 2015 से हैं। कभी किसी छात्र ने आपत्ति नहीं जताई। बीएचयू की हमेशा से यही रवायत रही है। यह एक भाषा है, जिसका रिश्ता इंसानी जिंदगी से है न कि मजहब से।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रो. मोहम्मद शारिफ हैं। प्रो. शारिफ ने बताया कि मैं गीता, रामायण और पाली दर्शन पढ़ाता हूं। मेरे अधीन पीएचडी करने वाले 7 स्कॉलर मुस्लिम हैं। एएमयू में तीन अन्य मुस्लिम शिक्षक भी संस्कृत पढ़ाते हैं। संस्कृत तो कई भाषाओं की जननी रही है, उसे दायरे में नहीं बांधा जा सकता।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में डॉ. संजय उर्दू पढ़ाते हैं। 2013 में यहां आने से पहले वह लखनऊ के ही ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अरबी-फारसी विश्वविद्यालय में उर्दू के शिक्षक थे। डॉ. संजय ने बताया कि हमारे विभाग में हमेशा से हिंदू शिक्षक रहे हैं। यहां संस्कृत विभाग की प्रमुख रह चुकीं प्रो. किश्वर जबीं नसरीन का नाम देश के नामी संस्कृत विशेषज्ञों में लिया जाता है।

लखनऊ विश्वविद्यालय

50 के दशक में यहां एक हिंदू प्रफेसर शमशेर बहादुर अरबी पढ़ाया करते थे। वहीं अरब कल्चर में तो 2011 तक केके रस्तोगी ने पढ़ाया है। नगर निगम डिग्री कॉलेज में आज भी सुनील माथुर अरब कल्चर पढ़ा रहे हैं। कभी भी धर्म दीवार नहीं बना।

गोरखपुर विश्वविद्यालय

संस्कृत विभाग की अध्यक्ष डॉ. छाया रानी बताती हैं कि 32 साल तक हमारे विभाग में प्रो. असहाब अली ने पढ़ाया। साल 2011 में विभागाध्यक्ष के पद से रिटायर हुए। उन्होंने इस्लामिक और वैदिक मिथकों पर भी अध्ययन किया है।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles