वाराणसी: शिव, राम और कृष्ण को ना मानने वाले हिंदुस्तानी में खोट- जावेद अख्तर

संक्षेप:

  • संकटमोचन संगीत समारोह में पहुंचे जावेद अख्तर
  • बोले- हिंदुस्तानी होने के लिए संस्कार बेहद जरूरी
  • राम और कृष्ण को ना मानने वाले हिंदुस्तानी में खोट

वाराणसी: हमेशा से अपने बेबाक-अंदाज और अपनी शायरी और अपनी दमदार लेखनी के बल पर चर्चा में रहने वाले फेमस राइटर और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े जावेद अख्तर ने देश में सब कुछ ठीक ना होने की बात कहकर एक बार फिर से असहिष्णुता के मुद्दे को हवा दे दी है। जावेद शुक्रवार को धर्म नगरी वाराणसी में एक संगीत समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। जहां उन्होंने देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि देश में अभी सब कुछ ठीक नहीं है लेकिन चीजों में सुधार हो रहा है और उम्मीद है की सभी चीजें बहुत जल्दी सुधर जाएंगी।

जावेद अख्तर ने कहा कि यह देश वही लोग समझे हैं और जो सही में हिंदुस्तानी हैं, जो हिंदुस्तानी को हिंदुस्तानी समझते हैं और खुद के साथ दूसरों को भी हिंदुस्तानी समझते हैं वही सच्चे लोग हैं। जावेद अख्तर ने कहा कि हर मिट्टी का अपना रंग और मिजाज होता है और हर पौधा हर मिट्टी में नहीं हो सकता। यह देश की मिट्टी ऐसी है अगर इसमें आप नफरत का पौधा लगाएंगे तो थोड़ा सा बढ़कर मुरझा जायेगा क्योंकि यह मिट्टी नफरत के पौधे के लिए नहीं बनी है। वहीं जावेद अख्तर ने राजनीति के कारण देश मे बिगड़ रहे माहौल पर कहा की यह राजनीति बहुत छोटी चीज होती है असल बात है संस्कार जो जन्म से रहते हैं अगर संस्कारों में गलती होगी तो गलत राजनीति आएगी अगर संस्कार सही है तो राजनीति खराब नहीं होगी।

वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री की तरफ से सलमान खान पर दिए गए बयान पर जावेद अख्तर ने चुटकी लेते हुए कहा कि ख्वाजा साहब अपना देश संभाले और हमारी फिक्र ना करें इस देश ने सलमान खान को सुपरस्टार बनाया और एक अदालत ने उनको सजा दी है। मेरा मानना है कि यह अदालत का फैसला और हम सब को उसका आदर करना चाहिए। अभी कोर्ट में मामला है इस बारे में बात करना उचित नहीं है।

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जब जावेद अख्तर से देश में असहिष्णुता के मुद्दे पर यह पूछा गया कि क्या आपको लगता है यहां सब कुछ ठीक है तो उनका कहना था कि देखिए ठीक-ठाक तो भी नहीं है। मुझे बहुत सारी ऐसी बातें दिखाई देती है जो पहले कभी नहीं देखी लेकिन मैं इस बात पर विश्वास रखता हूं कि हर हिंदुस्तानी आम नागरिक है जो इस देश का कभी एक्सट्रीम नहीं जा सकता है। वह थोड़ी बहुत इधर चला जाये लेकिन वह वापस अपने रुप में आ जाता है। इसलिए मेरा मानना है कि यह सब 4 दिन की बातें हैं यह गुजर जाएंगी।

जावेद अख्तर ने कहा कि पहले बहुत सी ऐसी चीजें थी जो नहीं होती थी लेकिन अब देखने को मिल रही है जैसे 1975 में जब शोले फिल्म बनी तो उसमें धरम जी भगवान शंकर की प्रतिमा के पीछे से बोलते हैं यह सीन आज नहीं हो सकता। इसी तरह से पिक्चर में ओम प्रकाश जी ने कृष्ण सुदामा के चरित्र का पूरा वर्णन गाने के जरिए कर दिया था। यह भी आज संभव नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि पहले यह सब बातें यहां सिर्फ कट्टर मुस्लिम करते थे। वहीं आज कुछ कट्टर हिंदू इस तरह की चीजें करने लगे हैं, जो अच्छा नहीं है और यह हमारे संस्कृति और परंपरा के खिलाफ है। इस देश में जो सहनशीलता थी और जो होनी चाहिए और फिर होगी।

हजारों साल से इस देश में हर विचार हर सोच के लोग रहते हैं लेकिन आज कहीं उसकी जहां कम हो गई है। आज अगर आप उनकी मर्जी की बात नहीं करते हैं तो आप एंटी नेशन है तो उन्होंने तय कर दिया है कि कौन सही है कौन गलत। वहीं जावेद अख्तर से जब राम मंदिर निर्माण को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि वहीं डिसाइड करें वहां क्या बनना है अगर मेरे पास मसला होता तो कोई विवाद ही ना होता।

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