वाराणसीः JNU के प्रोफेसर राकेश भटनागर बने BHU के वीसी

संक्षेप:

  • JNU के प्रोफेसर राकेश भटनागर बने BHU के वीसी
  • यूनिवर्सिटी के 27वें कुलपति के रूप में संभाला पदभार
  • लंबे समय से खाली थी वीसी का पद

वाराणसीः लंबे समय से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के खाली चल रहे पद पर गुरुवारल को जेएनयू के प्रोफेसर राकेश भटनागर ने बतौर वीसी कार्यभार ग्रहण किया। वाराणसी पहुंचने के साथ ही नए वाइस चांसलर ने काशी की परंपरा का निर्वहन करते हुए काशी विश्वनाथ मंदिर और बाबा काल भैरव का दर्शन पूजन किया और फिर यूनिवर्सिटी पहुंचकर औपचारिकताओं को पूरा करते हुए यूनिवर्सिटी के 27वें कुलपति के रूप में पदभार ग्रहण किया।

इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं एक साइंटिस्ट हूं और बहुत होशियार हूं परेशान ना हो चीजें सही होंगी। प्रख्यात वैज्ञानिक एवं जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली स्कूल ऑफ बायोटक्नोलॉजी के प्रो राकेश भटनागर ने कहा कि मैं सभी से मिल जुल कर बीएचयू के शिक्षण और शोध को और ऊंचाई पर ले जाऊंगा।

उन्होंने कहा कि छात्रों को इस काबिल बनाएंगे कि दुनिया उन्हें सलाम करे। छात्रों को दुनिया के किसी कोने में उन्हें काम के लिए किसी का मोहताज नहीं होना पड़ेगा। उनका कहना था कि छात्रों को ये समझना चाहिए कि आप पढ़कर सिर्फ नौकरी न करे बल्कि कुछ ऐसा और अलग करे कि आप नौकरी देकर दूसरों का भला कर सके।

ये भी पढ़े : माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने दो परीक्षा केन्द्रों का किया आकस्मिक निरीक्षण


बीएचयू की समस्या पर खुल की बात

बीएचयू की समस्या के बाबत डॉ भटनागर ने कहा कि समस्या का होना बड़ी बात नहीं, समस्या का शीघ्र समाधान होना जरूरी है। वह मैं करूंगा। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ जो भी मिलना चाहेगा उसके लिए दरवाजा खुला है लेकिन केवल नकारात्मक बातों या अराजकता फैलाने वाली बातों के लिए मेरे पास कतई समय नहीं है। वैसे मैं संवाद में विश्वास रखता हूं संवादहीनता में नहीं।

विश्वविद्यालय में छात्राओं के साथ छेड़-छाड़ की घटनाओं किया जिग्र

विश्वविद्यालय में आए दिन छात्राओं के साथ छेड़-छाड़ की घटनाओं के सवाल पर कहा कि इसके लिए छात्रों को मोटिवेट किया जाएगा। वर्कशॉप और सेमीनार आयोजित किए जाएंगे। मेरी कोशिश होगी कि छात्रो के दिल दिमाग में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव आए। इसके लिए खुद को उदाहरण के तौर पेश भी करना होगा, वह चाहे मैं खुद हूं या विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षक। छात्र से लेकर शिक्षक तक को यह मानना होगा कि छात्रा और महिला को सम्मान देना है उन्हें बराबरी का हक देना है।

अदृश्य शक्तियों को जानने और समझने की शक्ति

उन्होंने कहा कि एक बायोटेक्नॉलजी का आदमी होने के चलते मुझमें उन अदृश्य शक्तियों को जानने और समझने की शक्ति है, ऐसे में वो कोई दिक्कत नहीं है। हर समस्या से निबट लिया जाएगा। वहीं यूनिवेर्सिटी में छात्रसंघ के मुद्दे पर कहा कि यूनियन होना किसी समस्या का हल नहीं, अगर ऐसा होता तो जेएनयू में कोई समस्या न होती। 

बीएचयू के नए कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर जेएनयू से आए हैं इसलिए जब उनसे जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों को लेकर सवाल पूछा गया तो उनका कहना था कि हम भारत में रह रहे हैं और जरूरी है कि हम राष्ट्रवादी हैं इस देश ने हमें इतना कुछ दिया और हम इसका विरोध नहीं कर सकते।

प्रोफेसर राकेश भटनागर के ज्वाइन से ही उठ रहे सवाल

दरअसल, नए वीसी प्रोफेसर राकेश भटनागर के ज्वाइन करने के बाद ही सवाल यह उठ रहे हैं की उनकी जॉइनिंग  ऐसे वक्त हुई जब काशी हिंदू विश्वविद्यालय का माहौल काफी अशांत है। वजह पिछले साल 22 सितंबर को कैंपस में ही छेड़खानी की घटना को लेकर छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और उग्र प्रदर्शन के बाद तत्कालीन वाइस चांसलर प्रोफेसर जी सी त्रिपाठी आरोपों के घेरे में थे।

जिसकी वजह से एचआरडी मिनिस्ट्री ने उनको उनका कार्यकाल पूरा होने से पहले ही छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद 27 नवंबर से लेकर अब तक काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति का पद खाली चल रहा था। यही वजह है कि जब आज नए वीसी की ज्वॉइनिंग हुई तो मीडिया ने उनसे एक के बाद एक कई ज्वलंत मुद्दों पर सवाल पूछे। बीएचयू की वर्तमान स्थिति और पिछले दिनों हुई घटनाओं पर उनका कहना था कि किसी भी मामले में बातचीत न करना  अराजकता बढ़ाता है। इसलिए यह जरूरी है कि हर छोटी बड़ी चीजों पर बातचीत की जाए।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।