दुष्कर्म पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में अतुल राय की न्यायिक रिमांड मंजूर, 27 सितंबर को अगली सुनवाई

संक्षेप:

  • बसपा सांसद अतुल राय की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी हुई।
  • अदालत ने मंगलवार को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड स्वीकृत किया।
  • कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 27 सितंबर तय की।

वाराणसी- दुष्कर्म पीड़िता और उसके गवाह साथी को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में घोसी सांसद अतुल राय का न्यायिक रिमांड मंजूर किया गया। एसीजेएम एमपी/एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने मंगलवार को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड स्वीकृत किया। प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल में बंद बसपा सांसद अतुल राय की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी हुई। कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 27 सितंबर नियत की और सांसद को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए पेश होने का आदेश दिया।  

आत्महत्या को उकसाने समेत अन्य आरोपों के तहत दर्ज है केस

एसीजेएम एमपी/एमएलए कोर्ट उज्जवल उपाध्याय की अदालत ने प्रपत्रों के अवलोकन के बाद कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि लखनऊ के थाना हजरतगंज में डीजीपी द्वारा गठित टीम की जांच के बाद अमिताभ ठाकुर और अतुल राय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। तत्कालीन भेलूपुर सीओ अमरेश सिंह बघेल द्वारा सर्किल के लंका थाने में आरोपी अतुल राय के खिलाफ दर्ज मुकदमे में अविधिक लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अपूर्ण व निराधार अभिलेखों की रचना की गई है। ऐसे में दोनों प्रथम सूचना रिपोर्ट अलग-अलग संव्यवहार को दर्शित होती है, ऐसे में आरोपी सांसद का न्यायिक रिमांड आपराधिक साजिश, आत्महत्या को उकसाने समेत अन्य आरोपों के तहत स्वीकृत किया जाता है।

ये भी पढ़े : यूपी रोडवेज की साधारण बसों में अब मिलेगी रिजर्वेशन की सुविधा, ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों तरह से करा सकेंगे आरक्षण


पेशी के दौरान बेहोश हो गए थे सांसद

आरोपी के अधिवक्ता अनुज यादव ने आपत्ति में विशेष न्यायाधीश के दुष्कर्म मामले में बरी होने के निर्णय और लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी और आरोप पत्र को कोर्ट में पेश करते हुए कहा कि एक ही मामले में दो न्यायिक रिमांड नहीं बन सकता, इस संदर्भ में कानूनी दलीलें भी पेश की, जवाब में डीजीसी फौजदारी आलोक चंद्र शुक्ला और एपीओ ने कोर्ट में दलील दी कि दोनों लंका थाने और हजरतगंज थाने में दर्ज प्राथमिकी में अलग-अलग तथ्य है, ऐसे में न्यायिक रिमांड बनाए जाना न्याय संगत होगा। 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद रिमांड रद्द करने संबंधी आरोपी सांसद की तरफ से दी गई आपत्ति को खारिज कर दिया। इसी मामले में पांच दिन पूर्व बृहस्पतिवार को वाराणसी कोर्ट में पेशी से पहले घोसी सांसद बेहोश हो गए थे।

If You Like This Story, Support NYOOOZ

NYOOOZ SUPPORTER

NYOOOZ FRIEND

Your support to NYOOOZ will help us to continue create and publish news for and from smaller cities, which also need equal voice as much as citizens living in bigger cities have through mainstream media organizations.

अन्य वाराणसीकी अन्य ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें और अन्य राज्यों या अपने शहरों की सभी ख़बरें हिन्दी में पढ़ने के लिए NYOOOZ Hindi को सब्सक्राइब करें।

Related Articles