सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण आज, दोपहर बाद मंदिरो के कपाट हो जाएंगे बंद

संक्षेप:

  • आज रात सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण
  • रात सवा 11 बजे से चंद्रग्रहण लगना शुरू होगा
  • देशभर के कई बड़े मंदिर दोपहर बाद ही बंद हो जाएंगे

शुक्रवार रात यानी आज रात सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण लगने वाला है। भारत में ये साफ तौर पर दिखाई देगा। इस बार चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया के मध्य में आ जाएगा और इससे यह जून 2011 के बाद पहला मध्य चंद्र ग्रहण होगा। चंद्रग्रहण रात करीब सवा 11 बजे पूरे देश से देखा सकता है। इस दौरान उजले रंग का नजर आने वाला चांद लाल रंग का हो जाएगा। यह इस सदी का सबसे लंबा ब्लड मून होगा और जनवरी में हुए चंद्रग्रहण के मुकाबले 26 मिनट ज्यादा देर तक रहेगा।

चंद्रग्रहण को ज्यादातर देशों में आसानी से देख पाएंगे लेकिन उत्तरी अमेरिका में रहने वाले इसे बिल्कुल नहीं देख पाएंगे। इसकी वजह ये है कि जब उत्तरी अमेरिका में रात होती है और चंद्रमा प्रकट होता है, तब तक चंद्रग्रहण पूरा हो चुका होगा। अगला चंद्रग्रहण 21 जनवरी 2019 को होगा। आप इस चंद्रग्रहण को एस्ट्रोनॉट एजुकेशन की वेबसाइट slooh पर भी लाइव देख सकते है। भारत में रात सवा 11 बजे से चंद्रग्रहण लगना शुरू होगा।

चंद्रग्रहण लगने के चलते देशभर के कई बड़े मंदिर दोपहर बाद ही बंद हो जाएंगे। हरिद्वार, वाराणसी और इलाहाबाद में हर शाम होने वाली गंगा आरती भी दोपहर को होगी। चंद्रग्रहण के कारण ही दोपहर एक बजे गंगा आरती का विशेष आयोजन किया जाएगा। देश के कई बड़े मंदिरों में दोपहर दो बजे के बाद दर्शन नहीं हो पाएंगे। बदरीनाथ और केदारनाथ मन्दिर के कपाट शुक्रवार दोपहर से शनिवार सुबह तक बन्द रहेंगे। ऐसा चंद्रग्रहण के कारण हो रहा है। चंद्रग्रहण की अवधि में मन्दिर में पूजा पाठ भी नहीं होगी।

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श्री बदरीनाथ केदारनाथ मन्दिर समिति के पीआरओ डा. हरीश गौड ने जानकारी देते हुए बताया कि चंद्र ग्रहण के सूतक काल से पहले 27 जुलाई को श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट दिन में 12 बजकर 30 मिनट एवं श्री केदारनाथ मंदिर के कपाट दिन में 2 बजकर 54 मिनट पर बंद हो जाएंगे।

आपको बता दे कि चंद्रग्रहण का मतलब चंद्रमा का पृथ्वी की ओट में आ जाना। उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है। जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है। चंद्रग्रहण पूर्णिमा के दिन पड़ता है लेकिन हर पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण नहीं पड़ता है। इसका कारण है कि पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा का झुके होना। यह झुकाव तकरीबन 5 डिग्री है इसलिए हर बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं करता। उसके ऊपर या नीचे से निकल जाता है।

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