#महाशिवरात्रि: काशी विश्वनाथ दरबार में लाखों भक्तों की कतार, हर ओर हर-हर-महादेव की गूंज
- बाबा विश्वनाथ के जलाभिषेक को ले उमड़ा जनसैलाब
- लाखों भक्तों ने किया बाबा विश्वनाथ का दर्शन
- नागा साधुओं ने किया बाबा का दर्शन
वाराणसी: महाशिवरात्रि पर देश के द्वादस ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ के दर्शन को काशी में जनसैलाब शाम से ही उमड़ पड़ा. आस्था के उफान का आलम यह था कि कतार दशाश्वमेध घाट स्थित गंगा तट तक जा पहुंची. महाशिवरात्रि से पहले ही देश विदेश से भक्तों का रेला काशी पहुंच चुका था. एक दिन पहले ही बाबा दरबार में लाखों की संख्या में भक्तों ने मत्था टेका और एक लाइन चौक थाने से होते हुए नीचीबाग के आगे तक नजर आई तो दूसरी लाइन बांसफाटक से गोदौलिया होते दशाश्वमेध घाट तक पहुंच गई. सोमवार सुबह 11 बजे तक मंगला आरती के बाद से एक लाख से अधिक लोग बाबा दरबार में दर्शन पूजन कर चुके थे. वहीं पंचकोशी परिक्रमा के लिए भी लाखों की भीड़ उमड़ी और हर हर महादेव की गूंज से काशी की गलियां गूंज उठीं.
Gujarat: #SomnathMahadevTemple beautifully decorated on the occasion of #Mahashivratri. Devotees gathered for special puja, Darshan and Aarti.#AIRPics: Yogesh Pandya pic.twitter.com/vgBNOBY1Zg
— All India Radio News (@airnewsalerts) March 4, 2019
हर हर महादेव जयकारे से गूंजी चहुंदिशाएं
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महाशिवरात्रि पर चहुंदिशाएं हर हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठीं. एक ओर बाबा के विवाहोत्सव से जुड़ा त्योहार तो दूसरी ओर सोमवार के संयोग में शहर से लेकर गांव तक के शिवालयों में भोर से कतार लगी रही. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में भक्ति गंगा ही बही. रविवार सुबह से ही दिन-रात दर्शन के बाद भी पांच किलोमीटर दायरे में दर्शनार्थियों का रेला उमड़ा.
महाशिवरात्रि पर नागा संन्यासियों ने किया बाबा का शाही दर्शन
हनुमान घाट पर गंगा में स्नान के बाद सुबह आठ बजे ध्वज - निशान के साथ जूना अखाड़े के साधु बाबा दरबार पहुंचे. आम भक्तों की कतार रोक उन्हें दर्शन कराया गया. नागा संन्यासियों के स्वागत में भी श्रद्धालुओं ने हर हर महादेव उद्घोष किया. दोपहर में महानिर्वाणी अखाड़ा करेगा बाबा का दर्शन। कुंभ में वसंत पंचमी पर शाही स्नान बाद शैव अखाड़े परंपरानुसार काशी आए हैं. अब बाबा के साथ होली मनाने के बाद अपने अपने धाम जाएंगे.
सोमवार और शिवयोग का दुर्लभ संयोग
देवाधिदेव महादेव भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाने की शास्त्रीय परंपरा है. इस बार महाशिवरात्रि देवाधिदेव महादेव के दिन सोमवार को पड़ी है तो रात में ही शिवयोग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. फाल्गुन त्रयोदशी तिथि रविवार को दोपहर बाद 2.10 बजे लग गई माना जा रहा है इस कारण भी एक दिन पहले भक्तों का रेला काशी में उमड़ पड़ा. त्रयोदशी तिथि चार मार्च को शाम 4.10 बजे तक रहेगी. उसके बाद चतुर्दशी तिथि लगेगी जो पांच मार्च की शाम 6.18 बजे तक रहेगी. सुबह प्रयागराज से कुंभ स्नान कर लौटने वाले भी बाबा दरबार में हाजिरी लगाएंगे, लिहाजा कुंभ के पलट प्रवाह से काशी दिन भर आस्थावानों से बम-बम रहेगी.
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